मधेपुरा/बिहार : यह गणतंत्र दिवस हिन्दुस्तान के लिए कई मामलों में विशेष है, जब पूरी दुनिया कोरोना नामक संकट के मझधार से हुए नुकसान से उबरने को संघर्ष कर रही है तब भारत इस चुनौती को चीरता हुआ देश की राजधानी में प्राचीर से बुलंदी के साथ विश्व के समक्ष विभिन्न स्तरों पर अपने बढ़ते कदम का अहसास करा रहा है।
उक्त बातें माया विद्या निकेतन की संचालिका चंद्रिका यादव ने गणतंत्र दिवस के अवसर विद्यालय परिसर में ध्वजारोहण व झंडे को सलामी देने के उपरांत अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि इस विषम दौर में हर भारतीय को एकजुट हो अपनी सर्वश्रेष्ठ भूमिका अदा करते हुए शासन व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है जिससे गण को हमेशा अपने तंत्र पर गर्व रहे। उन्होंने कहा कि आजादी के सात दशक बाद भारत लगातार विकास के पथ पर गतिमान है। इस अवसर पर उन्होंने उन लोगों को विशेष रूप से याद किया जिन्होंने लगभग तीन साल के लम्बे प्रयास के उपरांत विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान राष्ट्र को दिया जिसके बदौलत आज विश्व पटल पर सर्वाधिक मजबूत लोकतंत्र की छवि अंगीकार कर चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की लचीलापन इसकी विशेषता है जो राष्ट्र की हर जरूरत को पूरा करने में सक्षम रही है।भारत सदैव से अनेकता में एकता की मिसाल पेश करता रहा है इसे भविष्य में भी कायम रखने की जरूरत है।
अपने संबोधन में उन्होंने विद्यालय के तेईस साल के सफर,चुनौतियों व उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अभिभावकों का विशेष आभार प्रकट किया और इसे भविष्य में भी बरकरार रखने की अपील की। गणतंत्र दिवस व सरस्वती पूजा के अवसर पर विद्यालय द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में विभिन्न वर्ग के छात्र छात्राओं द्वारा अलग अलग नए व दिलचस्प बिंदुओं पर प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया गया जिसके निरीक्षण के दौरान विद्यालय संचालिका व निर्णायक मंडल के सदस्यों के सवालों को छात्रों ने अपने तार्किक जवाबों से संतुष्ट किया। वहीं दूसरी ओर छात्रों के सबसे बड़े पर्व सरस्वती पूजा के अवसर पर विद्यालय के मुख्य हॉल में मूर्ति स्थापित कर माया विद्या निकेतन की संचालिका चंद्रिका यादव के नेतृत्व में शिक्षक, कर्मचारी, छात्र, छात्राओं द्वारा पूजा अर्चना किया गया। शाम में भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के बच्चों द्वारा भजन प्रस्तुति दी गई। बड़ी संख्या में छात्र – छात्राएं व उनके अभिभावक उपस्थित रहे।