शिक्षक का स्थान सदैव सर्वोच्च उनकी भूमिका अतुल्यनीय व अमूल्य-राठौर

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मधेपुरा/बिहार : शिक्षक दिवस के अवसर पर वाम  छात्र संगठन एआईएसएफ  द्वारा शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया।संगठन के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक व बच्चों ने सर्वप्रथम डॉ राधाकृष्णन की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें और उनके कृतित्व व व्यक्तितव को नमन किया।

इसके उपरांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि प्रकृति के सृजन में मानव सबसे उपर है और मानव के सर्वांगीण विकास में शिक्षकों की भूमिका सबसे अहम। एक शिक्षक का स्थान सर्वोच्च व भूमिका अतुल्यनीय व अमूल्य है। किसी भी समाज व राष्ट्र के विकास में शिक्षक के सोच, संकल्प, प्रयास का ही मूल योगदान होता है। राठौर ने कहा कि यह अत्यन्त दुखद है कि शिक्षकों को देवताओं से भी ऊपर स्थान देने वाले भारत में कुछ शिक्षकों की हरकतों के कारण गुरुओं के श्वेत व गौरवशाली छवि को चोट पहुंच रही है।

शिक्षकों को के चयन में मजबूत मापदंड पर बल देते हुए राठौर ने कहा कि आज की दयनीय शिक्षा व्यवस्था समाज व राष्ट्र की बड़ी चुनौती है और इसे शिक्षकों द्वारा ही निदान प्रदान किया जा सकता है।शिव कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक कई प्रकार की जिम्मेदारियों से बंधा रहता है।विशेष कर कोरे कागज को रंगीन व आकर्षक बनाना ही उसका मूल दायित्व होता है। शिक्षा के लिए आने वाले छात्रों को सर्वगुण सम्पन्न बना सेवा के लिए तैयार करना ही शिक्षक की पहचान बनती है।

इस अवसर पर मोनिका, रोशन, मनीष, रूपेश, शंकर, विनिश, प्रकाश, उपेश, उमा, प्रभात, बिन्नी, कैलाश, नवनीत सहित अन्य बच्चे उपस्थित रहे।

बिनीत कुमार बबलू
संवाददाता, मधेपुरा

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