मुरलीगंज/मधेपुरा/बिहार : नालंदा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) देश में दूर शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। बिहार में शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने और सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बात नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना के कुलसचिव डाॅ. घनश्याम राय ने कही। वे बुधवार को कमलेश्वरी प्रसाद महाविद्यालय, मुरलीगंज-मधेपुरा में नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना के अध्ययन केंद्र का निरीक्षण सह उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर कोसी क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने में एनओयू की भूमिका विषयक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि एनओयू की स्थापना 1987 में हुई है। स्थापना काल से ही इसका लक्ष्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाना है। इसी उद्देश्य से जगह-जगह विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र खोला जा रहा है। अभी तक जिला एवं अनुमंडल स्तर के अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों तथा प्रखंड स्तर के चुने हुए इंटरमीडिएट विद्यालयों में भी 264 केंद्र खुल चुके हैं। पिछले 5 माह में 40 अध्ययन केंद्र खुले हैं।
उन्होंने बताया कि सभी वर्गों में शिक्षा का अलख जगा है। सुदूर क्षेत्रों तक ज्ञान की ज्योति पहूँच रही है। महिलाएं, दिव्यांग या वैसे लोग जो किसी कारणवश औपचारिक डिग्री प्राप्त नहीं कर पाते हैं, एनओयू उनके लिए वरदान की तरह है।
उन्होंने कहा कि आज ससमय नामांकन, ससमय परीक्षा एवं ससमय परीक्षाफल इस विश्वविद्यालय की पहचान बन गई है। यहां 105 विषयों की पढ़ाई होती है। इनमें इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स शामिल हैं। इनमें बीएलआईएस, एमएलआईएस, एमसीए, पत्रकारिता, योग, पर्यावरण, आपदा-प्रबंधन, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इन्टीरियर डेकोरेशन, कम्प्यूटर नेटवर्किंग, हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद कोर्स भी है। सभी कोर्स रोजगारपरक एवं समाजोपयोगी है।
उन्होंने बताया कि एनओयू के सभी पाठ्यक्रमों की अपनी अध्ययन सामग्री है। यह काफी सरल-सहज भाषा में तैयार की गई है और यह सामग्री सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क दी जाती है। छात्राओं को नामांकन शुल्क में 25 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है। नामांकन की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक निर्धारित है। असीमित सीट है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डाॅ. जवाहर पासवान ने बताया कि महाविद्यालय में पहले से ही इग्नू का अध्ययन केंद्र संचालित हो रहा है। आगे एनओयू के अध्ययन केंद्र के शुभारंभ होने से स्थानीय विद्यार्थियों को अधिकाधिक अवसर मिल सकेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अध्ययन केंद्र बिहार का अग्रणी केंद्र बनेगा।
मुख्य अतिथि बीएनएमयू, मधेपुरा के उप कुलसचिव डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि केपी महाविद्यालय में विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसके चहुमुखी विकास में विश्वविद्यालय स्तर से भी हरसंभव सहयोग मिलेगा। कुलसचिव ने महाविद्यालय का निरीक्षण किया और इस अध्ययन केंद्र के लिए उपयुक्त पाते हुए तत्काल इसे कोड 264 आवंटित किया।
संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर प्रतीक कुमार ने की और धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. राजीव कुमार जोशी ने किया।
इसके पूर्व अतिथियों ने महाविद्यालय के संस्थापक कमलेश्वरी प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की। कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अतिथियों का अंगवस्त्रम, पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। एनसीसी कैडेट्स ने अतिथियों की अगुवानी की।
इस अवसर पर महेंद्र मंडल, डाॅ. सज्जाद अख्तर, डॉ. सदय कुमार कुमार, डाॅ. चंद्रशेखर आजाद, डाॅ. त्रिदेव निराला, डाॅ. शिवा शर्मा, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. सुशांत सिंह, डाॅ. अली अहमद मंसूरी, डाॅ. प्रभाकर कुमार, डॉ. प्रीति कुमारी, डॉ. दीपा कुमारी, डॉ. रितु रत्नम डॉ. सिकंदर कुमार, डॉ. अमित रंजन, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. बरदराज, डॉ. राघवेंद्र, डॉ. रितु रत्नम, डॉ. दीपा कुमारी, प्रधान सहायक नीरज निराला, लेखापाल देवाशीष, राजीव, सूरज, सिंटू, अशोक, महेश आदि उपस्थित थे।