सिवान/बिहार (प्रेस विज्ञप्ति) : सोमवार को जिले के इस्माईल शहीद रोड चमड़ा मंडी में “मंसूरी समाज की आर्थिक शैक्षिक व राजनितिक स्थिति” के विषय पर राष्ट्रीय मंसूरी महापंचायत की कार्यकर्ता बैठक जमशेद मंसूरी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी, जिसमें सीवान के सभी ब्लॉक प्रतिनिधि व कार्यकर्ताओं ने बढ-चढ़ कर हिस्सा लिया। बैठक में मुख्य अतिथि रूप में पसमांदा बहुजनों के कद्दावर लीडर प्रो०डा०फिरोज मंसूरी ने भी शिरकत किया।
बैठक को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि प्रो०डा०फिरोज मंसूरी ने कहा की मंसूरी-धुनिया समाज की आबादी बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, बंगाल, राजस्थान, झारखंड और कर्नाटक में सबसे ज्यादा है। लेकिन अफसोसनाक बात यह है कि शैक्षिक व राजनैतिक जागरुकता के अभाव में यह, समाज के अन्य जातियों के मुकाबले काफी पिछड़ गया है। इसलिए हम सब की जिम्मेदारी है कि इनके पिछड़ेपन के कारण को तलाश कर उसका समुचित उपचार किया जाए, ताकि देश के विकास में मंसूरी समाज भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले सके। उन्होंने कहा कि मंसूरी-धुनिया समाज का स्वतंत्रता अन्दोलन से लेकर देश के विकास में बड़ा योगदान रहा है, भारत के पहले शहीद टीपू सुल्तान हो या गेना मियां या गामा पहलवान या मौलाना अतीकुर्रहमान आरवी, सबने भारत का नाम दुनिया में रौशन किया।
डा फिरोज मंसूरी ने कहा की इस समाज को समय रहते जागरुक होना होगा, वरना मंसूरी समाज विलुप्त हो जायेगा । दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और मोतिहारी जैसे इलाके में इस जाति के अधिकांश लोग मजबूर होकर परिवार के भरन पोषण के लिये ताड़ी उतार कर पासी का काम भी करते हैं, उन्होंने कहा की मंसूरी-धुनिया की वास्तविक स्थिति अनुसूचित जाति जनजातियों की तरह है, मगर भारत के कानून में धारा 341 में धार्मिक प्रतिबन्ध की वजह से मंसूरी-धुनिया जाति को एस सी का दर्जा प्राप्त नही है, जिसकी वजह से मंसूरी-धुनिया समाज राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक, समाजिक, आर्थिक व राजनितिक संवैधानिक लाभ से पुरी तरह वंचित है। उन्होने कहा की हम भारत सरकार व बिहार सरकार से मांग करते हैं अविलंब इस समाज को सभी सुविधा बहाल कर मुख्य धारा में लायें, ताकि इस जाति को विलुप्त होने से बचाया जा सके।
कार्यकर्ता बैठक की अध्यक्षता कर रहे जमशेद मंसूरी ने कहा कि राष्ट्रीय मंसूरी महापंचायत सिवान जिला में मजबूत कर हर ब्लॉक पंचायत तक सदस्यता अभियान की शुरुआत की जाएगी। बैठक के संयोजक जावेद अहमद मंसूरी ने कहा कि मंसूरी समाज, समाज के सभी पसमांदा बेरादरी के एकता पर बल देगी और उनके साथ संवाद करेगी।
बैठक के दौरान राष्ट्रीय मंसूरी महापंचायत के जिला इकाई इस कार्यकर्ता बैठक में तीन प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किया गया।
(1) जाति जनगणना कराने के लिये सरकार पर दबाव बनाया जायेगा और किसानों के आन्दोलन को पुरा समर्थन दिया जायेगा।
( 2 ) मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड अन्य मजहबी संगठन में पसमान्दा समाज की हिस्सेदारी तय कराई जायेगी ।
3 बिहार में सभी राजनितिक दल अपने संगठन व सरकार में धुनिया-मंसूरी समाज की संख्या अनुपात में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करे, इस दिशा में पहल किया जाएगा ।
बैठक को डा०आबिद मंसूरी, तुफैल अहमद मंसूरी, प्रवेज आलम मंसूरी, दानिश मंसूरी, नसीम अहमद मंसूरी, शकील अहमद मंसूरी उर्फ राजू, अख्तर अली मंसूरी, मुस्तुफा मंसूरी, आजाद अली मंसूरी, जब्बार मंसूरी, मास्टर हसमुद्दीन मंसूरी, अब्दुल शाहिद मंसूरी, डा० एफ ए आजाद मंसूरी, कलाम मंसूरी और प्रो सगीर मंसूरी आदि ने भी सम्बोधित किया ।