मधेपुरा/बिहार : मंगलवार को अग्नि पीड़ित छह परिवार ने अंचल कार्यालय पहुंचकर आवेदन देकर अंचलाधिकारी योगेंद्र दास से सहायता राशि के लिए गुहार लगाया है. यह परिवार बीते आठ दिनों से त्रिपाल के नीचे एवं बांस के पेड़ के नीचे अपनी जिंदगी का गुजर-बसर कर रहे हैं. बच्चे दाने-दाने के मोहताज हैं. बच्चों के शरीर पर ढंग के कपड़े नहीं हैं. घर के बच्चे, बूढ़े-पुरूष-महिला समेत 14 लोगों का परिवार आठ दिन पहले जो कपड़ा पहने थे, वह आज तक पहने हुए हैं.
मालूम हो कि बीते सात सितंबर को सदर प्रखंड अंतर्गत तुलसीबाड़ी राजपुर मलिया पंचायत के सीमाटोल वार्ड नंबर सात में एक ही परिवार के पांच घरों एवं पड़ोसी के घर में आग लगने से घर एवं घर का सारा सामान जलकर राख हो गया. ना खाने के लिए अन का दाना बचा और ना ही पहनने के लिए कपड़े बचे. इन्हें अब तक कोई भी सहायता राशि मुहैया नहीं कराई गई है. मौके पर उपस्थित एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि अग्नि पीड़ित परिवार को अब तक कोई सहायता राशि नहीं मिलना बेहद ही दुखद है. पीड़ित परिवार को रहने के लिए घर नहीं है, तन पर कपड़े नहीं है और खाने के लिए अन का दाना नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि हम अंचलाधिकारी से मांग करते हैं कि घटना पर कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाय.
सिलेंडर फटने से घर में लगी आग, घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाया अग्निशमन वाहन :
अग्निकांड से पीड़ित सत्यनारायण साह ने बताया कि सात सितंबर को उनके घर में गैस का एक नया कनेक्शन लिया गया. जिसका सारा कुछ लगाने के बाद चेक करने के लिए जैसे ही उन्होंने माचिस जलाया तो आग चूल्हे की जगह सिलेंडर में लगे रेगुलेटर के पास लग गई. जिसके बाद उनलोगों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें और बढ़ गई. जिसे देख घर के सारे लोग घर छोड़कर बाहर निकल गए. धीरे-धीरे आग की लपटें बढ़ती गई और घर में भी आग लग गई. इस बीच गैस सिलेंडर के फटने से आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और आसपास के अन्य घरों को भी जलाकर राख कर दिया. उन्होंने बताया कि घर में आग लगने की सूचना उन्होंने अग्निशमन वाहन समेत अंचलाधिकारी को दिया. आग बुझाने के लिए अग्निशमन वाहन पहुंचा तो जरूर, लेकिन उनके घर तक पक्की एवं चौड़ी सड़क नहीं होने के कारण अग्निशमन वाहन घर से दूर ही रह गया और आग पर काबू नहीं पाया जा सका.
सीओ ने कहा आवासीय घर में नहीं बल्कि भूसे के घर में लगी है आग :
सत्यनारायण साह ने बताया कि इस अग्निकांड में उनके एवं उनके चारों पुत्रों का घर जलकर पूरी तरह राख हो गया है. उन्होंने बताया कि उनके पुत्र पप्पू साह, नंदकिशोर साह, चुन्नू साह एवं छोटू साह अपनी पत्नी एवं बच्चे के साथ अलग-अलग घर बनाकर रहते हैं. अग्निकांड में सभी के घर जलकर राख हो गए. उनके एवं उनके पुत्र के घर में रखें ट्रंक एवं बक्से में रखा हुआ बर्तन, कपड़ा, जेवर, बेटे की शादी में मिला हुआ सामान एवं घर का सारा अनाज पूरी तरह से जलकर राख हो गया. साथ ही उनके पड़ोसी शिबू साह का भी घर जल गया.
उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पर अंचलाधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन बिना घटना का निरीक्षण किए एवं बिना उनलोगों से मिले ही वापस लौट गए. जिसके बाद वेलोग जब आवेदन लेकर अंचल कार्यालय पहुंचे तो अंचलाधिकारी योगेंद्र दास के द्वारा कहा गया कि आवासीय घर में आग नहीं लगी है, बल्कि भूसे के घर में आग लगी है. इसलिए उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिल सकता है. जिसके बाद उन्हें मात्र एक त्रिपाल देकर घर वापस लौटा दिया गया.