मुजफ्फरपुर/बिहार : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के निदेशानुसार बचपन बचाओ आंदोलन के सहयोग से जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वाधान में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कोरोना वायरस महामारी के कारण मुजफ्फरपुर जिला में कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की तस्करी एवं बाल श्रमिक के असुरक्षित पलायन को रोकने तथा बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के मद्देनजर जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित जिला स्तरीय पदाधिकारीगण एवं प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारीगण तथा प्रशिणार्थी का स्वागत उदय कुमार झा, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर द्वारा किया गया। उप विकास आयुक्त द्वारा कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की तस्करी एवं बाल श्रमिक के असुरक्षित पलायन को रोकने हेतु किये जाने वाले “भेद्यता मानचित्रण / मैपिंग को संवेदनशीलता के साथ पूर्ण करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी प्रणव कुमार के द्वारा कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के भेद्यता मानचित्रण / मैपिंग करने के पश्चात् उनको एवं उनके परिजनों को विभिन्न कल्याणकारी सरकारी योजनाओं से जोड़ने की आवश्यकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए प्रशासन तत्पर है। जिले में जिन बच्चों के माता-पिता की कोरोना काल मे मौत हो चुकी है उनका डेटा संकलित किया जा रहा है। ऐसे बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से संस्थाओं में आवासित कर उन्हें संरक्षण प्रदान करते हुए सभी शासकीय सहायता प्रदान की जाएगी ताकि बच्चों का सर्वोत्तम हित प्रभावित ना हो।
उन्होंने सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग आईसीडीएस ,शिक्षा विभाग, जिला पंचायती राज विभाग के माध्यम से ऐसे बच्चों का डाटा संकलित कराएं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि vulnerable सेक्शन को चिन्हित करते हुए इन बच्चों तक पहुंचकर उन्हें संरक्षित व सुरक्षित किया जाय।
वहीं सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई के द्वारा बताया गया कि यदि कोई ऐसा बच्चा मिलता है तो उसकी सूचना बाल जिला बाल संरक्षण इकाई को दी जा सकती है ताकि नियमानुसार विधिक कार्रवाई करते हुए उन बच्चों को संरक्षित किया जा सके।
बचपन बचाओ आंदोलन के Resource Person संतोष कुमार द्वारा Powerpoint Presentaion के माध्यम भेद्यता मानचित्रण / मैपिंग के कार्य के निष्पादन का प्रशिक्षण दिया गया। मालूम हो कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रखण्ड स्तर पर भी विकास मित्र, महिला पर्यवेक्षिका आदि को प्रशिक्षण दिया जाना है। तत्पश्चात् भेद्यता मानचित्रण/ मैपिंग हेतु विहित प्रपत्र में विकास मित्र द्वारा तैयार किया गया समेकित प्रतिवेदन प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी के माध्यम से जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय को उपलब्ध कराया जाना है। सभी प्रखण्डों से प्राप्त प्रतिवेदनों को जिला स्तर पर समेकित कर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली को 30.10.2021 तक भेजा जाना है।
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्त्ता, डी०एस०पी० (मुख्या०) डीपीआरओ कमल सिंह, डी०पी०ओ० (आई०सी०डी०एस०), श्रम अधीक्षक, किशोर न्याय परिषद् के सदस्यगण, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यगण, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी चन्द्रदीप कुमार (बाल संरक्षण पदाधिकारी) आदि उपस्थित थे।
अंत में उदय कुमार झा, निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर द्वारा दिए गये धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात् कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गयी।