कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सृजन दर्पण ने मनाया स्थापना दिवस

Photo : www.therepublicantimes.co
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मधेपुरा/बिहार : कोरोना काल और लॉकडाउन के कारण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था सृजन दर्पण ने अपना 6ठा स्थापना दिवस इस बार भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए संस्था के सदस्यों ने वृक्षारोपण कर मनाया।  

इस अवसर पर संस्था के संस्थापक सचिव विकास कुमार ने बताया कि  छ: वर्ष का समय किसी भी संस्था की अवस्था के लिहाज से बहुत छोटी होती है, लेकिन इस अल्प अवधि में संस्था ने मानवता के संरक्षण एवं सशक्तिकरण के लिए राष्ट्र, राज्य एवं अन्य संगठन द्वारा किये जा रहे यज्ञ में अनवरत आहुति दी है । इसके लिए मानवीय जीवन को संयमित और संवर्द्धित करने वाले सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यक क्षेत्र में अहम योगदान दिया । समाज की समसामयिक समस्या को देखते हुए सांस्कृतिक गतिविधियों का चयनकर प्रभावी प्रस्तुतियाँ दी । ये समस्याएं बाल मजदूरी, बाल विवाह, दहेज अंधविश्वास उन्मूलन जैसी पारम्परिक है, तो जल जीवन हरियाली, नशा उन्मूलन जैसी राज्य सरकार प्रायोजित ।                  संस्थापक सचिव विकास कुमार ने कहा कि इसके लिए सृजन दर्पण के रंगकर्मियों ने फुटपाथ से लेकर राजकीय महोत्सव के मंचो से संदेश मूलक पुस्तुति दी, कई अवसर आये जब विभिन्न प्रतिष्ठानों, संस्थाओ एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया, विगत वर्ष भी राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में संस्था के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, साथ ही सोशल  साइट्स के दुष्परिणाम पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में नाटक के जरिये संदेश मूलक प्रस्तुति दी गई, सड़क सुरक्षा माह को लेकर लोगो में जागरूकता अभियान चलाया, वहीं गांव- गांव जाकर लोगों के बीच मधुमेह को लेकर जागरूकता- शिविर लगाया, दर्शन-परिषद की राष्ट्रीय संगोष्ठी में लोकसंस्कृति से जुड़ी बहेतरीन प्रस्तुति दी, मधेपुरा महाविद्यालय मधेपुरा में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में नशा और अंहकार के दुष्परिणाम पर आधारित सुधारवादी नाटक की मंचन किया, कला एवं संस्कृति एवं युवा विभाग के सहयोग से सहरसा में आयोजित आदि बिंब महोत्सव में सृजन दर्पण की प्रस्तुति को विभागीय मंत्री ने भी सराहा । विद्यापति जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में सृजन दर्पण के रंगकर्मियों की बेहतरीन प्रस्तुति को लोगों ने काफी पसंद किया । अत्याधुनिकता की दौड़ में भी संस्था ने विद्यापति की रचना, लोकगाथा, लोकनाट्य लोक संस्कृति के मारफ़त संदेशप्रद प्रस्तुति दी ।

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संस्थापक सचिव ने बताया कि सृजन दर्पण ने अपने स्थापनाकाल से ही पर्यावरण को लेकर गाँव से लेकर शहर तक जागरूकता मुहिम चलाया है, इसके अलावा जिला स्थापना दिवस, बिहार दिवस, वी.पी.मंडल राजकीय जयन्ती समारोह झूलनोत्सव, विधापति जयंती, आदि बिंब महोत्सव, भास्कर महोत्सव, राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव, राजकीय सिहेश्वर महोत्सव, विशिष्ट कलाकारों का चयन प्रतियोगिता सहित युवा उत्सव में लगातार नशा उन्मूलन, सड़क सुरक्षा, मतदाता जागरूकता अभियान, जल जीवन और हरियाली से जुड़े स्वच्छता, स्वास्थ्य, एवं लोक संस्कृति का यादगार और संदेश मूलक अभिनय किया, युवाओं एवं आमलोगों में जागृति के लिए समय-समय पर विद्वानों की संगोष्ठी आयोजित की जाती है, सामाजिक समस्याओं के अनुरूप विषय रखा जाता है, विद्वानों के विचारों से लोगों को नयी दृष्टि बनाने में मदद मिलती हैं, जरूरत पड़ने पर संस्था के सदस्य और रंगकर्मियों के द्वारा गाँव- गाँव जाकर कोरोना संकट पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है एवं आवश्यक समानों का वितरण भी किया जा रहा है।

 इससे पहले भी सड़क सुरक्षा, नशा उन्मूलन, जल जीवन और हरियाली के तहत कई अभियान चलाये गये। संस्था की सारी गतिविधियों में समाज के शुभचिंतक प्रज्ञावान पुरुषों एवं सामान्य जन का हर वक्त स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा, उनका आर्थिक और भावनात्मक सहयोग एवं मार्गदर्शन का पाथेय यदि न मिलता तो संस्था यह मुकाम हासिल न कर पाती। खासकर सदस्यों रंगकर्मियों एवं उनके अभिभावक का संस्था आभारी है।

मो० नियाज अहमद
ब्यूरो, मधेपुरा

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