मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय में मार्च 2020 यानी एक वर्ष से नियमित वेतन भुगतान की मांग को लेकर बीते सात अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे एवं नौअप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे शिक्षकेत्तर कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय मुख्यालय में बहाल 44 शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति पर सशर्त अनुमोदन वापस ले लिया है. इसके साथ ही इन शिक्षकेतर कर्मियों की सेवा फिलहाल समाप्त हो गई है. इस बाबत बिहार राज्य विवि कर्मचारी महासंघ के बीएनएमयू अध्यक्ष डा राजेश्वर राय ने कहा कि बीएनएमयू में 86 कर्मचारियों की नियुक्ति न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में हुई है. सरकार के पत्र में कोई दम नहीं है. इसमें कोई दिक्कत होगी तो न्यायालय में मामले को चुनौती दी जायेगी. वहीं भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा कपिल देव प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने डेढ़ साल पूर्व 44 कर्मियों की नियुक्ति पर सशर्त अनुमोदन वापस ले लिया है. इस संबंध में विभाग से मिले आदेश के आलोक में विश्वविद्यालय अग्रतर कार्रवाई करेगी.
विश्वविद्यालय द्वारा नहीं किया गया रोस्टर का पालन : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के 44 शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति पर राज्य सरकार नेसशर्त अनुमोदन वापस ले लिया है. इससे संबंधित 44 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की सेवा समाप्त हो गई है. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के 44 शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति पर सशर्त अनुमोदन की वापसी का आदेश शिक्षा विभाग ने जारी किया है. यह आदेश सरकार के उप सचिव के हस्ताक्षर से जारी हुआ है. नियुक्ति में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय द्वारा रोस्टर का पालन नहीं करने तथा तय शर्तों का उल्लंघन करने की वजह से राज सरकार में अपना सशर्त अनुमोदन वापस लिया है.
15 नवंबर 2019 को दिया गया, सशर्त अनुमोदन वापस : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के 66 सृजित पदों के विरुद्ध 44 शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति को शिक्षा विभाग द्वारा 15 नवंबर 2019 को सशर्त अनुमोदित किया गया था. बाद में बहाली पर शिक्षा विभाग को शिकायत मिली. जांच के लिए समिति गठित की गई। समिति ने जांच की. जांच के बाद इस मामले में शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय से भी प्रतिवेदन मांगा. जांच रिपोर्ट एवं विश्वविद्यालय से लिए गए प्रतिवेदन की शिक्षा विभाग द्वारा गहन समीक्षा की गई. समीक्षा में पाया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा राज्य सरकार द्वारा निर्गत भर्ती के लिए एक 100 बिंदु के आदर्श रोस्टर का पालन नहीं किया गया है. इसके साथ ही यह भी पाया गया कि तय शर्तों का विश्वविद्यालय द्वारा उल्लंघन किया गया है. जिसके कारण भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के 44 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति पर 15 नवंबर 2019 को दिया गया, सशर्त अनुमोदन वापस ले लिया गया है.