मधेपुरा/बिहार : मैट्रिक की परीक्षा बुधवार को प्रशासन के कड़े सुरक्षा व्यवस्था के साथ शुरू हुई. सुबह आठ बजे से ही दूर दराज से परीक्षार्थियों का सेंटर पर पहुंचना प्रारंभ हो गया. जिला प्रशासन सख्त रवैये एवं पुख्ता व्यवस्था के कारण जिले में शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न हुआ. परीक्षा केंद्रों पर छात्र-छात्राओं की सघन जांच के उपरांत ही सेंटर तक जाने दिया जा रहा था. साथ ही परीक्षा में किसी भी तरह का कदाचार ना हो इसके लिए सभी परीक्षार्थियों के समीप से ही परीक्षा पेड भी रखवा दिये गये. वहीं कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए अधिकारियों द्वारा पूर्व ही निर्देश दिया गया था कि परीक्षा के दौरान केंद्र के आसपास की फोटोस्टेट एवं साइबर कैफे की दुकानों पर अधिकारियों की कड़ी नजर बनी रहेगी. परीक्षा के दौरान अधिकारियों ने केंद्र के आसपास के सभी दुकानों का जायजा लिया एवं फोटोस्टेट एवं साइबर कैफे तथा अन्य दुकानदारों को दुकान पर भीड़ ना लगाने का कड़ा निर्देश दिया. सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने से पूर्व ही ध्वनि विस्तारक यंत्र से छात्र-छात्राओं को परीक्षा संबंधी सूचना दे दी गई. परीक्षा के कारण सेंटर पर 144 धारा लागू की गई थी. इस बाबत जिला प्रशासन के द्वारा एक दिन पूर्व मंगलवार को लोगों को इसकी सूचना ध्वनि विस्तारक यंत्र के द्वारा कर दी गई थी.
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जिले के पांच परीक्षा केंद्रों से आठ परीक्षार्थी निष्कासित : बुधवार को मैट्रिक परीक्षा के पहले दिन जिला प्रशासन के कड़ी व्यवस्था के कारण दोनों ही पाली में सदर अनुमंडल एवं उदाकिशुनगंज अनुमंडल के कई परीक्षा केंद्रों से परीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा समेत अन्य अधिकारियों के द्वारा जांच में आठ परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित किये गये. इन परीक्षार्थियों में से पांच सदर अनुमंडल एवं तीन उदाकिशुनगंज अनुमंडल से निष्कासित किये गये हैं. जिसमें प्रथम पाली में चार एवं द्वितीय पाली में चार परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित हुये. इसमें सदर अनुमंडल अंतर्गत जिला मुख्यालय स्थित भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय में जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा ने प्रथम पाली में निरीक्षण के दौरान तीन परीक्षार्थी को परीक्षा से निष्कासित किया. वहीं द्वितीय पाली में आरपीएम डिग्री कॉलेज तथा पार्वती विज्ञान महाविद्यालय से एक-एक परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित किये गये. जबकि उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र से मैट्रिक परीक्षा के पहले दिन अपग्रेड हाई स्कूल उदा से प्रथम पाली में एक, द्वितीय पाली में एक तथा उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोसी कालोनी से द्वितीय पाली में एक परीक्षार्थी को कदाचार के आरोप में निष्कासित किया गया.
अधिकारी परीक्षा केंद्रों का करते रहे निरीक्षण : परीक्षा के दौरान कोई चूक नहीं हो इसके लिए जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा, पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी जगतपति चौधरी, सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय नारायण यादव, सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी आर्य गौतम, सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह सहित जिले के सभी अधिकारी, कमांडो एवं अन्य पुलिस बल सभी परीक्षा केंद्रों पर मॉनिटरिंग करते रहे. साथ ही किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रहा.
30 परीक्षा केंद्रों पर 31083 परीक्षार्थी हुए सम्मिलित : मैट्रिक परीक्षा के लिये पूरे जिले में 30 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. जिले में इस वर्ष 31 हजार 83 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुये. इसमें सदर अनुमंडल के 23 परीक्षा केंद्रों पर 25 हजार एक सौ 62 छात्र-छात्राएं एवं उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में सात परीक्षा केंद्रों पर पांच हजार नौ सौ 21 छात्राएं सम्मिलित हुये. इन 30 परीक्षा केंद्रों में सदर अनुमंडल में नौ परीक्षा केंद्र छात्राओं के तथा 14 परीक्षा केंद्र छात्रों का बनाया गया है. साथ ही उदाकिशुनगंज में सातों परीक्षा केंद्र छात्राओं के लिए बनाया गया है.
आकर्षण का केंद्र रहा जिले का चार मॉडल परीक्षा केंद्र : इंटर परीक्षा की तरह मैट्रिक परीक्षा में भी जिला मुख्यालय स्थित केशव कन्या उच्च विद्यालय, वेदव्यास महाविद्यालय एवं केवी विमेंस कॉलेज परीक्षा केंद्र एवं उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में मध्य विद्यालय बालक उदाकिशुनगंज परीक्षा केंद्र आकर्षण का केंद्र रहा. इस परीक्षा केंद्र को मॉडल सेंटर बनाया गया. सेंटर को गुब्बारे एवं पोस्टरों से सजाया गया था. परीक्षा केंद्र हर तरफ से लुभावनी नजर आ रहे थे. जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा के निर्देश पर चारों परीक्षा केंद्र को केवल छात्राओं का सेंटर था. यहां सभी शिक्षक से लेकर पर्वेक्षक महिलाएं रही. वहीं इस मॉडल सेंटर पर केवल महिला पुलिस कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति की गई थी. जिससे दूर दराज एवं ग्रामीण इलाके से आये छात्राओं के मन में परीक्षा का भय दूर दिखा. जिला पदाधिकारी के आदेश पर कदाचारमुक्त परीक्षा एवं शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा संचालन के लिए विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस पदाधिकारी की नियुक्ति की गयी थी.
बीएसईबी के निर्देश के बावजूद खुलवाया गया जूता-मोजा : इंटर परीक्षा की तरह ही मैट्रिक परीक्षा में भी परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहन कर केंद्रों में प्रवेश करने की अनुमति बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा दी गई थी, बावजूद इसके जिले के कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों का जूता-मोजा खुलवाया गया. मालूम हो कि मैट्रिक परीक्षा में परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहन कर केंद्र के अंदर प्रवेश करना वर्जित रखा गया था, लेकिन ठंड के प्रकोप को देखते हुए छात्र हित में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा इस निर्देश पर रोक लगा दी गई तथा परीक्षार्थियों को जूता मोजा पहन कर परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी. इस बाबत सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि कई केंद्रों पर सूचना न मिलने के कारण परीक्षार्थियों का जूता मोजा खुलवाया गया. जिसकी सूचना मिलते ही सभी केंद्रों पर निर्देश दे दिया गया है कि द्वितीय पाली से परीक्षार्थियों का जूता मोजा ना खुलवाया जाय.