मधेपुरा/बिहार : जिले में मैट्रिक परीक्षा को लेकर एकाएक 31 हजार से अधिक परीक्षार्थियों का आगमन तथा परीक्षार्थियों के साथ उतनी ही भारी संख्या में अभिभावकों का आगमन से हर चौक-चौराहे, हर सेंटर के आसपास भीड़ इकट्ठा हुई. लोगों के एकाएक इतनी भारी संख्या में भीड़ होने के कारण हर जगह जाम की स्थिति बनी रही. जाम के कारण वाहनों की लंबी कतार लगी रही. बुधवार को जिला मुख्यालय के कॉलेज चौक पर लगे महाजाम के दौरान जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा का भी वाहन वहीं से गुजर रहा था. जाम ने इतना भयानक रूप धारण कर लिया था कि जिला पदाधिकारी के वाहन को भी लगभग 45 मिनट तक जाम में फंसा रहना मजबूरी हो गया था. 45 मिनट तक जब डीएम की गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकी, ताे उनके बॉडीगार्ड ने ट्रैफिक सिपाही की तरह कमान संभाली और बेतरतीब कतार काे काफी मशक्कत के बाद सीधी कराकर डीएम की गाड़ी काे आगे निकलवाया, साहब का वाहन तो निकल गया, लेकिन अन्य लोग घंटों तक जाम में फंसे रहे. घंटों जाम में फंसे लोग जिला प्रशासन के कार्यशैली को कोसते रहे.
देखें वीडियो : जाम में फंस गया मधेपुरा डीएम का काफिला, फिर क्या हुआ देखिये इस रिपोर्ट को
पुलिस बल तैनात होने के बावजूद हर तरफ रहा अफरा-तफरी का माहौल : भीड़ होने के कारण बस स्टैंड, कॉलेज चौक, स्टेशन चौक, कर्पूरी चौक एवं अन्य चौक – चौराहों पर जाम लगा रहा. खासकर कर्पूरी चौक एवं कॉलेज चौक पर सभी ओर से गाड़ियों का जमावड़ा लगा रहा. जाम लगने का मुख्यकारण यह है कि परीक्षा केंद्र के आस पास अभिभावक वाहन खड़े कर देते हैं. जिसके कारण परीक्षा शुरू होने से पहले तथा परीक्षा संपन्न होने के बाद परीक्षार्थियों का केंद्र में जाना और केंद्र से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो जाता है. इसके बाद उसी रास्ते से ट्रक, बस, ऑटो, ट्रेक्टर या अन्य बड़े वाहनों का गुजरना बहुत बड़ी मुसीबत खड़ा कर देता है. जाम की स्थिति के कारण सड़कों पर पैदल चलने भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था. वहीं सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह समेत पुलिस बल एवं कमांडो के घंटों मशक्कत के बाद जाम से निजात दिलाया गया. हालांकि कई चौक चौराहों पर प्रशासन की मुस्तैदी के कारण लोगों को ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा. हर जगह हर सेंटर पर पुलिस बल तैनात होने के बावजूद हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल रहा.
कॉलेज चौक पर दो घंटे तक लगा रहा महा जाम : बुधवार को प्रथम पाली की समाप्ति एवं दूसरी पाली के शुरुआत के दौरान लगभग दो घंटे तक कॉलेज चौक पर भीषण जाम लग गया. जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. मालूम हो कि कॉलेज चौक पर सभी दिशाओं से सड़क आकर मिल जाती है. कॉलेज चौक के समीप कई परीक्षा केंद्र है. जिसमें ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, पार्वती विज्ञान महाविद्यालय समेत अन्य परीक्षा केंद्र शामिल है. कॉलेज चौक पर कई अन्य परीक्षा केंद्रों की भी भीड़ इकट्ठा हो जाती है. जिसके कारण परीक्षा समाप्ति एवं शुरुआत होने से पहले लोगों को भाड़ी जाम का सामना करना पड़ता है. हालांकि पुलिस प्रशासन द्वारा कॉलेज चौक पर पुलिस बल की तैनाती की गई है लेकिन भीड़ इतनी अधिक हो जाती है कि घंटों तक जाम लग जाती है.
नहीं रुक ट्रकों का परिचालन तो हो सकती है घटना : जिला मुख्यालय में परीक्षा के दौरान ट्रैकों का परिचालन जारी है. इस वजह से परीक्षार्थियों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को तो लगभग 12 बजे से ही कॉलेज चौक पूरी तरह जाम हो गई थी. सभी वाहन पूरी तरह स्थिर हो गइ थी. लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था. ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राओं को परीक्षा केंद्र तक जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. आलम यह था कि अचानक से जिला मुख्यालय के काले चौक पर अफरातफरी सा दिख रहा था. कॉलेज चौक, कर्पूरी चौक, बस स्टैंड से लेकर हर प्रमुख चौराहा पर भीड़ सरकती हुई दिखी. लोगों ने कहा कि ट्रैकों के परिचालन से किसी दिन कोई बड़ी घटना घट सकती है. जिसकी जिम्मेवारी विभगिय अधिकारियों की होगी.
जाम को लेकर परीक्षार्थी एवं अभिभावक रहे आक्रोशित : बुधवार को जिला मुख्यालय के सभी सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी. सभी ओर सड़के जाम दिख रही थी. लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो गया था. सड़कों पर सभी ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही. स्थिति ऐसी थी कि सड़क किनारे वाहन खड़े करने के लिए भी जगह नहीं बची हुई थी. सड़कों पर इतनी भारी संख्या में वाहनों के जाम लगने के बाद वाहनों के हॉर्न की आवाज से स्थानीय लोग एवं दुकानदार भी परेशान हो चुके थे. परीक्षार्थी को भी परीक्षा केंद्र पर जाने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था. परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र पर जाने के लिए बेचैन हो रहे थे. ऐसी स्थिति में थोड़ी सी दूरी तय करने के लिए उन्हें कई गली-मोहल्ले होकर गुजरना पड़ रहा था. परीक्षार्थियों एवं अभिभावकों में जाम की समस्या को लेकर आक्रोश भी देखा गया. उन्होंने कहा कि परीक्षा शुरुआत एवं समाप्ति से पहले ट्रकों एवं बड़े वाहनों का परिचालन रोक दिया जाता तो शायद जाम की समस्या से निजात मिल सकती थी.