मधेपुरा/बिहार : ज्ञान की पूजा का महत्व सदियों से है और निस्संदेह आगे भी रहेगा. वसंत पंचमी के दिन हम जो सरस्वती पूजा का आयोजन करते हैं, वह ज्ञान की देवी की आराधना के लिए ही है. भारत में हमेशा ज्ञान की अधिष्ठात्री देवियों की पूजा होती रही है. वसंत पंचमी के कई रंग हैं. यह प्रकृति के नये शृंगार का पर्व है. प्रेम और उल्लास का उत्सव है. यह ज्ञान और बुद्धि की आराधना का भी अवसर है. सीधे-सीधे कहें तो सरस्वती पूजा का अवसर है.
जिला मुख्यालय में भी विद्या की देवी मां सरस्वती की अराधना धूमधाम से की जा रही है. सरस्वती पूजा के अवसर पर कई स्थानों पर मां सरस्वती की प्रतिमा बैठाया गया गया. शहर में पूजा स्थानों पर घूमने और हर जगह अलग-अलग तरह से सजे पंडालों को देखने के लिए बाजारों में काफी भीड़ है. हर वर्ष के तरह इस वर्ष भी सुबह से पूरे नियम व निष्ठा के साथ वीणावादिनी की अराधना की जा रही है. शहर के विभिन्न प्राइवेट विद्यालय और शिक्षण संस्थानों में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ पूजा हो रहा है. सभी विद्यालयों में अलग अलग तरीके से पंडालों का निर्माण किया गया, किसी ने सरस्वती मां को नाव पर विराजमान किया तो किसी ने पहाड़ पर, किसी ने गुफा में इन तरीकों से पूरा शहर सजा हुआ है. शैक्षिक संस्थान और प्राइवेट स्कूल तथा आम जनों के द्वारा किये जा रहे हैं पूजन को लेकर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पंडालों का निर्माण हुआ है. इस पूजन के अवसर पर कई विद्यालयों में आकर्षक रंगोली भी बनाई गयी. जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बना रहा. कई विद्यालयों में इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.
जिला मुख्यालय के हॉलीक्रॉस बालिका विद्यालय, दार्जिंलि पब्लिक स्कूल, किरण पब्लिक स्कूल, ब्राइट एंजल्स स्कूल, पीवी वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, आरआर ग्रीन फील्ड इंटरनेशल स्कूल समेत अन्य जगहों मां शारदे की पुजा अर्चना की गयी. बच्चों के द्वारा रंगोली एवं विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनी बनाया. जो आकर्षन का केंद्र रहा.