चौसा/मधेपुरा/बिहार : लौहपुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता, अखंडता तथा सद्भावना के अग्रदूत थे। स्वतंत्र भारत को संघीय ढांचे में ढालने वाले शिल्पी थे। लिहाजा कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है ।
उक्त बातें महादेव लाल मध्य विद्यालय, चौसा के प्रभारी प्रधानाध्यापक सत्यप्रकाश भारती ने कही । वे आज मंगलवार को लौहपुरूष सरदार पटेल की 70 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर विद्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में देश को क्षेत्रवाद, भाषावाद और आतंकवाद से गंभीर चुनौती मिल रही है । ऐसी परिस्थिति में सरदार की नीतियों का अनुकरण करने की जरूरत है ।
वरीय शिक्षक यहिया सिद्दीकी ने कहा कि देश की आजादी में सरदार पटेल का जितना योगदान था, उससे कहीं ज्यादा योगदान उन्होंने आजाद भारत को एक करने में दिया। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, तब देश में छोटी-बड़ी 562 रियासतें थीं। इनमें से कई रियासतों ने तो आजाद रहने का ही फैसला कर लिया था, लेकिन सरदार पटेल ने इन सबको देश में मिलाया। लिहाजा कृतज्ञ राष्ट्र उनका सदैव ऋणी रहेगा ।
शिक्षिका नुजहत परवीन ने कहा कि भारत के लौह पुरुष और देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 70वीं पुण्यतिथि है। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा में हुआ था। उन्होंने अपनी आखिरी सांस 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में ली।
इस अवसर पर सरदार के तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई । तत्पश्चात दो मिनट का मौन धारण कर श्रध्दांजलि दी गई । मौके पर अरविंद कुमार, शिक्षक भालचंद्र मंडल, शमशाद नदाफ, फैयाज अहमद, राजेश कुमार , कला देवी, अरूणा देवी, शाहा देवी आदि उपस्थित थे ।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्रधानाध्यापक सत्यप्रकाश भारती ने की जबकि संचालन शिक्षक यहिया सिद्दीकी ने किया ।