गाँधी-शास्री के बताए रास्ते आज भी प्रासंगिक 

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आरिफ आलम
वरीय संवाददाता,
चौसा, मधेपुरा

चौसा/मधेपुरा /बिहार : राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी महज एक व्यक्ति नहीं बल्कि संपूर्ण विचार थे। गांधीवाद में सभी समस्याओं का अहिंसात्मक हल है, जबकि लालबहादुर शास्त्री की सादगी प्रेरणादायी। लिहाजा हमें गांधी- शास्त्री  के बताए रास्ते से कभी विमुख नहीं होना चाहिए। 

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         उक्त बातें संकुल संसाधन केंद्र, मध्य विद्यालय, चौसा के समन्वयक विजय कुमार  ने कही। वे गांधी-शास्री जयंती के अवसर पर  आज शुक्रवार को महादेव लाल मध्य विद्यालय, चौसा में आयोजित एक विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा का जो मार्ग दिखाया है वह हर कालखंड के लिए प्रासंगिक है। जबकि लालबहादुर शास्त्री की इमानदारी बेमिसाल और जीवन के हर क्षेत्र के लिए अनुकरणीय है। गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान  ने कहा कि गांधी जी न होते तो हमें और भी देर से आजादी मिलती। उन्होंने कहा कि खंड – खंड में बंटे स्वतंत्रता आंदोलन को महात्मा गाँधी ने ही एक सूत्र में पिरोकर राष्ट्रीय स्वरूप दिया था। लिहाजा हमें आजादी मिली। 

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         शिक्षक यहिया सिद्दीकी  ने कहा कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया के लिए गांधीवाद ही एकमात्र विकल्प है। गांधीवाद ही ऐसा दर्शन जिसे सभी  विचारधारा के लोग मानते हैं।  उन्होंने कहा कि दुनिया जिस तरह से हिंसक हो रही है उससे गांधीवाद ही मुक्ति दिला सकता है। श्री सिद्दीकी ने यह भी कहा कि देश के शीर्ष पद तक पहुंच कर शास्त्री जी ने इमानदारी और सादगी का जो उदाहरण प्रस्तुत किया था उसे अपना कर भ्रष्टाचार समाप्त किया जा सकता है। सभा में गांधी-शास्री जी के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर श्रध्दांजलि अर्पित की गई। 

     मौके पर संकुल समन्वयक विजय कुमार, प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान, शिक्षक  सत्यप्रकाश भारती, यहिया सिद्दीकी, प्रणव कुमार, भालचंद्र मंडल, शमशाद नदाफ, शिक्षिका रीणा कुमारी,शिक्षा सेविका सुफिया शबनम सहित कई लोग उपस्थित थे।


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