बेटी होना मेरी क्या गलती, पैदा कर मुझे झाड़ी में क्यों फेंक दिया माँ

Sark International School
Spread the news

टीआरटी डेस्क : 

हिंदुस्तान एक ऐसा मुल्क है जो अपनी तहजीब, अपनी संस्कृति और अपने रीती रिवाजों के लिये जाना जाता है। यहाँ देश को अपनी माँ के समान समझा जाता है। वैसे तो आज हमारा देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, लेकिन बेटियों का जन्म होना तो ऐसे मान लिया जाता है जैसे कोई बहुत बड़ी विपदा आ पड़ी हो, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनका भी जन्म किसी की बेटी की कोख से ही हुआ। बेटियाँ तो आने वाला सुनहरा कल होती है, घर की लक्ष्मी और घर की जीनत होती है, उनकी हमेशा इज्जत करनी चाहिए और सम्मान देना चाहिए। आज बेटियां पुरुषो के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिला कर चल रही है, बल्कि उनसे कही ज्यादा अच्छा काम कर रही है।

Sark International School

पब्लिक प्लेस में या न्यूज़ चैनल्स या फिर अखबारों में हम “बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ” को लेकर  बहुत बड़ी- बड़ी बाते करते हैं, लेकिन हमारे मुआशारे में आज भी ऐसे लोगों की कामी नहीं है जो बेटियों को वरदान नहीं बल्कि अभिशाप मानते हैँ। बहुत कम ही माँ –बाप ऐसे होते हैं जो की बेटी की पैदाइश पर दिल से खुश होते हैं। कई तो औलाद की पैदाइश से क़्बल ही लिंग जांच करवाने से भी पीछे नहीं हटते और लिंग जांच करवाने के बाद जब उन्हें पता चलता है कि उनके घर लड़का नहीं लड़की पैदा होने वाली है तो अक्सर ऐसे वक्त में हमारे समाज के कुछ लोगों का असली और क्रूर चेहरा भी उस वक्त सामने आ जाता है जब वह अपनी ही औलाद के कातिल बनने से भी पीछे नहीं हटते और अपनी ही औलाद को पैदा होते ही किसी कूड़ेदान या झाड़ी में फेंक कर तड़प तड़प कर मरने छोड़ देते है।

वायरल वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें :

ऐसा ही एक और मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक क्रूर माँ पाप ने बेटी पैदा होने पर बच्ची को प्लास्टिक में लपेट कर एक सुनसान गली के झाड़ी में फेंक कर तड़प तड़प कर मरने के लिए छोड़ दिया। लेकिन कहते हैं ना कि “जाको राखे साइयां मार सके न कोई” । झाड़ी में प्लास्टिक से लिपटी पड़ी बच्ची पर कुछ लोगों की नजर पड़ी तो फरिश्ता बनकर लोगों ने बच्ची को झाड़ी से निकालकर उस नवजात बच्ची को बचा लिया और उस पूरे दृश्य का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया ।

मेरा क्या कसूर था मां ? मेरा क्या कसूर था मां! जब फेंक ही देना था तो जन्म ही क्यों दिया? ये सवाल उस नवजात बच्ची की खामोशी से उठते रहे, जो एक सुनसान गली के झाड़ी में फेंकी पड़ी मिली। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के जागरूकता वाले इस दौर में हुई यह घटना बहुत ही गंभीर, शर्मनाक और चिंताजनक है।

बच्ची की हालत देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि पैदा होते ही बच्ची को उसके बेरहम मां-बाप ने एक प्लास्टिक में लपेटकर झाड़ी में फेंक दिया था। ताकि बच्ची तड़प तड़प कर दम तोड़ दे, एक बेरहम माँ-बाप की ये करतूत देख कर किसी का भी दिल कांप उठेगा। यह वीडियो कहाँ का इसकी सही जानकारी “द रिपब्लिकन टाइम्स” के पास नहीं है। यह वीडियो फ़ेसबुक वाल से प्राप्त हुआ है ।


Spread the news
Sark International School