मधेपुरा/बिहार : पूर्ववर्ती विद्यार्थियों का सम्मेलन एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस अवसर पर हम अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभवों को साझा करते हैं।
उक्त बातें विश्वविद्यालय रसायनशास्त्र विभाग के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों के सम्मेलन में ऑनलाइन उद्घाटन भाषण के दौरान कुलपति प्रो. डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कही।
कुलपति ने कहा कि अतीत को याद करना मनुष्य की सहज प्रवृति है। अतीत को याद करना हमेशा सुखदायी होता है। यदि अतीत के दुखद अनुभवों को याद करना भी सुखद लगता है। उन्होंने कहा कि आज इस नार्थ कैम्पस में सभी सुविधाएं हैं। साथ ही जो कमी हैं, उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
कुलपति ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए हमें अपने विद्यार्थी जीवन की याद आ रही है। सभी लोग अपने विद्यार्थी जीवन को याद करें और उससे प्रेरणा लें। सब मिलकर विश्वविद्यालय के विकास में योगदान दें। जब विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का विकास होगा, तो स्वतः विश्वविद्यालय का भी विकास होगा। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक विभाग में पूर्ववर्ती विद्यार्थियों का सम्मेलन किया जाए और यह सम्मेलन प्रत्येक वर्ष आयोजित हो।
बीएनमुस्टा के महासचिव डाॅ. नरेश कुमार ने कहा कि हमारा यह कार्यक्रम देश- दुनिया में लाइव प्रसारित हो रहा है। हम सभी मिलकर एक कड़ी बनाएँ। एक मोती की माला बनाएँ। देश-दुनिया में विश्वविद्यालय का नाम रौशन करें।
इस अवसर पर सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) आर. के. पी. रमण, अध्यक्ष, छात्र कल्याण प्रो. (डाॅ.) अशोक कुमार यादव, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डाॅ. लम्बोदर झा, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) उषा सिन्हा, प्रधानाचार्य बीएनएमभी काॅलेज प्रो. (डाॅ.) के. एस. ओझा, बीएनमुस्टा के महासचिव प्रो. (डाॅ.) नरेश कुमार, पटना विश्वविद्यालय, पटना के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. रणधीर कुमार, विभागाध्यक्ष डॉ. कामेश्वर कुमार, एलएसकेम के अध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह, विज्ञान संकाय के काउंसिल मेम्बर बिट्टू कुमार, डॉ. पवन कुमार, डॉ. संजीव कुमार, पवन कुमार, गिरिन्दर मोहन झा, बिट्टू कुमार मिश्रा, गौरब प्रकाश, रामप्रकाश मेहता, राहुल कुमार, बी. कश्यप, अखिलेश कुमार गुड्डू, नेहा सिंह, सोनम कुमारी, पिंकी, आरती सिंह, गौरब आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।
मौके पर परीक्षा नियंत्रक डाॅ. अरूण कुमार, डाॅ. अरूण कुमार, डाॅ. भावानंद झा, डाॅ. बी. के. दयाल, डाॅ. पी एन पियूष, डाॅ. अबुल फजल, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, डाॅ. बुद्धप्रिय, सारंग तनय, डेविड यादव आदि उपस्थित थे।