मधेपुरा : भाकपा के के बैनर तले प्रवासी व मनरेगा मजदूरों का विशाल धरना  

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कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन से अनलॉक के बीच रोजगार नहीं मिलने के विरोध में आज यहां प्रवासी व मनरेगा मजदूरों ने जिला के उदाकिशुनगंज प्रखंड, नवटोल काली मंदिर के प्रांगण में भाकपा के बैनर तले विशाल धरना दिया।  इस दौरान मजदूरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपने आक्रोश का इजहार किया।

 धरना में सर्वप्रथम लद्दाख में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। भाकपा नेता सह मजदूर नेता सचिदा शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित धरना को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि मजदूर निर्माता है और इसकी अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेंगे । उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों, मनरेगा मजदूरों, बिहारी मजदूरों एवं खेत मजदूरों को हर हाल में रोजगार दे सरकार । उन्होंने कहा कि अभी चुनावी रैली छोड़ मजदूरों किसानों की सुधि ले सरकार । भाकपा नेता कहा कि कोरोना तो एक बहाना है देश के सार्वजनिक संपत्ति को बेचना इनका निशाना है । बेकारी और महंगाई बढ़ाना तो इनकी नियति है ।

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विगत 10 दिन से रोज पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में वृद्धि कर इस संकट के समय आम लोगों पर आर्थिक बोझ डाल रही है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है । उन्होंने कहा कि सरकार पेट्रोल डीजल के मूल्य वृद्धि वापस ले अन्यथा संघर्ष तेज होंगे ।

 भाकपा जिला जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार इस संकट में अपनी मूल जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ कर जनता को आत्मनिर्भर होने का नसीहत दे रही है । मजदूर रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि मजदूरों को काम एवं किसानों के फसल का लाभकारी दाम, सबको राशन, ₹10000 महीना गुजारा भत्ता दे सरकार । भाकपा के के अंचल मंत्री उमाकांत सिंह ने मनरेगा सहित सभी गरीबी उन्मूलन एवं विकास योजनाओं की हो रही लूट एवं बढ़ते अपराध पर रोक लगाने की मांग की । भाकपा के बड़े नेता प्रमोद कुमार सिंह देव लाल सह, अनिल पासवान, मोहम्मद सिराज, अरुण दास, रामचंद्र पासवान ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार जन विरोधी एवं कारपोरेट पक्षी है । नेताओं ने पीएम केयर्स फंड को आरटीआई के दायरे में लाने की मांग की । कहा कि जब जब चुनाव आती है तब तक सीमा पर तनाव होती है।  सरकार की नीति एवं नियत साफ है तो चीन से सभी एग्रीमेंट को रद्द करें एवं आयात और निर्यात बंद करे।

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धरना में विभिन्न पंचायतों से आए मजदूर और किसान नेता  गजेंद्र सिंह छेदन शर्मा, अनिल कामत, लुरी राम, सौदागर चौधरी, ढोलन मुखिया,  सज्जन मुखिया, योगी शर्मा, अजीत शर्मा, राजू शर्मा, राजेश शर्मा, धनुषधारी शर्मा, चंद्र किशोर साह, विजय शर्मा, अरुण शर्मा विपिन शर्मा नागो शर्मा, राधा देवी आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।


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