मधेपुरा/बिहार : कोसी की चर्चित सामाजिक संस्था शिव राजेश्वरी युवा सृजन क्लब कोसी प्रमंडल द्वारा ग्रामीण स्तर पर शिक्षा का अलख जगाने के उद्देश्य से स्थापित शिव राजेश्वरी विद्या मन्दिर ने अपनी स्थापना के एक वर्ष का सफर पूरा किया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में लाक डाउन के नियमों के दायरे में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। दो दिवसीय स्थापना दिवस के अन्तर्गत वर्ष भर में विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ करने वाले बच्चों, सजग अभिभावकों को अलग अलग समय पर आमन्त्रित कर सादगी पूर्ण तरीके से विद्यालय के संस्थापक हर्ष वर्धन सिंह राठौर द्वारा जहां सम्मानित किया गया, वहीं उनके द्वारा दर्जनों फलदार, छायादार व फूल के पौधे लगाए गए।
क्लब के संस्थापक महासचिव एवं संस्था के संस्थापक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि विद्यालय द्वारा व्यापक स्तर पर प्रथम स्थापना दिवस समारोह मनाने की योजना थी, लेकिन महामारी कोरोना के कारण जारी लॉक डाउन के चलते यह सम्भव नहीं हुआ। उन्होंने कहा उसके बावजूद भी विद्यालय वैसे छात्रों व अभिभावकों को निराश नहीं कर सकता था, जिनका पूरे सत्र में अलग अलग क्षेत्रों में रिकॉर्ड सर्वश्रेष्ठ रहा। खुद बहुत पढ़े लिखे नहीं होने के बाद भी अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर हमेशा सजग रह मजदूरी कर पढ़ाने वाले दिनेश मण्डल को विद्यालय द्वारा आदर्श अभिभावक के सम्मान से संस्थापक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने अपने कार्यालय वेशम् में सम्मानित किया।
इस अवसर पर दूसरे दिन प्रियंका कुमारी को बेस्ट स्टूडेंट,व काजल, विजय, पिंकी, मौसम को आइडियल स्टूडेंट के सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संस्थापक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि इसकी स्थापना मूलतः इस उद्देश्य से की गई थी कि ग्रामीण इलाकों के वैसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा जो स्कूल व किताब से बहुत दूर रह जाते हैं। कम समय में इसमें संस्था सफल भी रही है। विद्यालय खासकर विधवाओं की संतानों सहित प्रतिभावान बच्चों को लगातार निशुल्क शिक्षा सभी सुविधाओं के साथ दे रहा है। कम ही समय में लगभग एक दर्जन बच्चों को गोद लेकर उसकी पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। आने वाले समय में इसे और बड़े स्तर पर ले जाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि लाक डाउन के बीच बच्चों कि घर पर की पढ़ाई पर भी यथासंभव मदद की जा रही है। संस्था के प्रथम स्थापना दिवस पर राठौर ने ऐलान किया कि यहां पढ़ने वाले बच्चों को निशुल्क विद्यालय के पुस्तकालय से पुस्तक उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही बार बार पुस्तकों को बदला नहीं जाएगा। राठौर ने कहा कि उनकी संस्था का प्रयास है कि शिक्षा से कोसो दूर इन बच्चों को शिक्षा व संस्कार के रास्ते एक योग्य नागरिक बनाया जाय। उन्होंने कहा कि बच्चों से लगातार अपील कि जा रही है कि वो घर पर अपनी पढ़ाई को जारी रखें।