दरभंगा/बिहार : सोमवार की सुबह से मस्जिदों के दरवाज़े आम नमाज़ियों के लिए खोल दिए गए जिससे आम नमाज़ियों में ख़ुशी की लहर देखी गई। उलेमाओं, मस्जिदों के इमाम, प्रबंधन से जुड़े लोग, धार्मिक संस्थाएं, सामाजिक कार्यकर्ता आदि दिन भर सरकार के दिशा निर्देशों को आम लोगों तक पहुंचाने व समझाने में सक्रिय रहे।
लगभग ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद सोमवार से देश के अधिकतर धार्मिक स्थल खोल दिए गए हैं। मंदिर, चर्च, गुरुद्वारे, दरगाहों और मस्जिदों के साथ सभी धर्म की इबादतगाहों में सोमवार की सुबह-सुबह लोग पूजा और इबादत के लिए एकत्रित हुए। शहर की लगभग सभी मस्जिदों में लोग सुबह के वक़्त फज़र की नमाज़ अदा की गई जिसमें फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।
प्राप्त समाचार के मुताबिक ज़िले की अधिकतर मस्जिदों के दरवाज़े नमाजियों के लिए खोल दिए गए हैं। नमाज़ियों में इससे खुशी की लहर है। प्रसिद्ध खानकाह समरकंदिया के सज्जादानशीं व आध्यात्मिक गुरु सैयद बाबू हुज़ूर ने लोगों से अपील किया है कि सरकार और प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मस्जिदों में नमाज़ अदा की जाए। सरकार और प्रशासन के आदेशों का सम्मान करें। ये महामारी जानलेवा है, इसका ख्याल रखते हुए इबादतगाहों में लोग जाएं।
दरभंगा टॉवर चौक स्थित कटकी बाजार मस्जिद के इमाम मौलाना मोहसिन, शाही मस्जिद के इमाम मौलाना वारिस अली, छोटी काजीपुरा मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल अल्लाम मिस्बाही, जमालपुरा मस्जिद के इमाम मुफ्ती उस्मान गनी, युसूफ गंज मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल रहमान, फैजुल्लाखा स्थित डयोढ़ी मस्जिद के इमाम मौलाना अहसान, मौलागंज मस्जिद के इमाम हाफिज नसीम, इस्माइल गंज मस्जिद के इमाम हाफिज सदरे आलम, लाल बाग मस्जिद के इमाम मौलाना अख्तर रजा, बाजिदपुर मस्जिद के इमाम मौलाना असलम रजा, मोहल्ला मुफ़्ती लाल पोखर मस्जिद के इमाम नज़ीर उस्मानी, मिर्ज़ापुर मस्जिद के इमाम अरमान हुसैन मुबारकी, भीखा शाह सैलानी मस्जिद के इमाम अकबर अली सेराजी आदि ने बताया कि मस्जिद खुलने से लोग बेहद खुश हैं। नमाज़ियों ने मास्क लगाकर नमाज़ अदा किया है।
मस्जिद में प्रवेश करने से पहले सभी ने सैनेटाइज़र का इस्तेमाल किया। मस्जिदों से बुज़ुर्गों और बच्चों को मस्जिद न भेजने की पुरजोर अपील की जा रही है। धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय अंजुमन कारवां-ए-मिल्लत के अध्यक्ष रियाज़ खान कादरी, पूर्व पार्षद नफीसुल हक रिंकु, ज़िला मुहर्रम कमेटी के सचिव रुस्तम कुरैशी, सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद उमर, राजाउल्लाह अंसारी, आस मोहम्मद, गुलरेज अहमद, साजिद कैंसर, गुलाम मोहम्मद आदि ने कई मुहल्लों में जाकर लोगों को सरकार के दिशा निर्देशों की जानकारी दी। इनलोगों ने आम लोगों से अपील किया कि संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए मस्जिद में आते-जाते समय गाइडलाइन्स का पालन करें।
इनलोगों ने मस्जिदों के प्रबंधन व इमाम, मोअज़्ज़िन से भी मुलाकात कर साफ़-सफाई, सैनिटाइजेशन, फिजिकल डिस्टैंसिंग व अन्य बातों पर चर्चा की। मस्जिदों के साथ ही सोमवार से दरगाहों को भी आम जायरीन के लिए खोल दिया गया। सुबह फज़र की नमाज़ के बाद और शाम को मगरिब की नमाज़ के बाद दरगाहों पर लोगों ने हाज़री दी। शहर की प्रसिद्ध दरगाह हज़रत भीखा शाह सैलानी के खादिम शाह मोहम्मद शमीम ने बताया कि सरकार के गाइडलाइन्स के मुताबिक ही लोगों को ज़ियारत की इजाज़त दी जा रही है। संक्रमण को फैलने से रोकने के हर संभव उपाय किए जा रहे हैं।
दरगाहों के अंदर पांच से अधिक ज़ायरीन को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। लोगों को बड़ा सुखद लग रहा है कि उन्हें ढाई महीने बाद ज़ियारत का मौका मिल रहा है लोग दरगाहों पर कोरोना से मुक्ति के लिए दुआएं कर रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर विभिन्न लोगों द्वारा बार-बार ये अपील की जा रही है कि लोग सिमित तादाद में ही जमात से नमाज़ पढ़ें, वज़ू घर से ही करके मस्जिद में आएं और मस्जिद में प्रवेश करने से पहले सैनेटाइज़र का इस्तेमाल करें और मास्क लगाना ना भूलें। कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण को रोकने के लिए मस्जिदों में कारपेट या चटाई का इस्तेमाल न करने की भी गुज़ारिश की जा रही है।