मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विचार मंच की ओर से शुक्रवार को भूपेंद्र नारायण मंडल की 46 वीं पूण्यतिथि मनाई गई।
कॉलेज चौक स्थित उनके प्रतिमा स्थल पर आयोजित माल्यार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर के पूर्व प्रति कुलपति डा केके मंडल ने कहा कि भूपेंद्र बाबू समाजवादी विचारधारा के एक मजबूत स्तंभ थे, वे हमेशा समाज के वंचितों को न्याय दिलाने में तत्पर रहे, आज समाजिक न्याय के समक्ष एक नई चुनौती उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र बाबू का संपूर्ण जीवन आम आवाम को समर्पित था। आम जनों के लिए जीते भी थे और आम जनों के बीच में उन्होंने अंतिम सांस ली। आम जनों के उन्नति के प्रति भूपेंद्र बाबू सदैव ही संघर्षरत रहे। 29 मई 1975 को उन्होंने कुमारखंड प्रखंड अंतर्गत टेंगराहा गांव में अपनी अंतिम यात्रा पूरी की। भूपेंद्र बाबू साढ़े चार दशक बाद भी आमलोगों के बीच प्रासंगिक बने हुए हैं। हमें उनके विचारों से सीख लेने की आवश्यकता है।
प्रो सच्चिदानंद यादव ने उनके संपूर्ण जीवन को खुली किताब बताया। डा विनय कुमार चौधरी ने कहा कि भूपेंद्र बाबू विचार से ही नहीं बल्कि कर्म से भी समाजवादी थे। कार्यकारिणी सदस्य परमेश्वरी यादव ने उनके आदर्शों पर चलने की आवश्यकता बताई। भूपेंद्र नारायण मंडल विचार मंच के तत्वाधान में लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए सादगी पूर्ण ढंग से पुण्यतिथि समारोह आयोजित की गई।
मौके पर प्रो सचिंद्र, ई महेंद्र नारायण मंडल, डा अमोल राय, गणेश मानव, राहुल यादव, सतीश चंद्र, अजय कुमार, समीर आनंद, आनंद कुमार एवं प्रणव कुमार सहित स्थानीय लोगों ने उपस्थित होकर बारी-बारी से पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान विचार मंच के सचिव डा आलोक कुमार ने उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।