मधेपुरा : सावधान! तम्बाकू खाकर सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर 6 महीने की सजा, उलंघन करने वालों के खिलाफ कारवाई का निर्देश जारी  

Sark International School
Spread the news

ऋषि सिंह
सदर संवाददाता
मधेपुरा,बिहार

मधेपुरा/बिहार : जिले के सभी सरकारी/गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है, साथ ही तमाम सार्वजनिक स्थानों पर भी थूकने पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है, खैनी और गुटका खाकर यत्र-तत्र थूकने से कोरोना वायरस फैलने के खतरा को देखते हुए यह एहतियाती कदम उठाया गया है, जिसके मद्देनजर उलंघनकर्ताओं के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा  अब सघन अभियान चलाया जाएगा ।

इस बाबत जिला पदाधिकारी ने एक आदेश जारी कर तंबाकू अथवा कोई अन्य पदार्थ खाकर यत्र-तत्र थूकने पर छह माह का कैद अथवा 200 रुपये जुर्माने का निर्देश दिया है। जिला पदाधिकारी ने बताया कि खैनी और गुटका खाकर यत्र तत्र थूकने से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है। इसलिए  जिले के सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान, सभी शैक्षणिक संस्थान, थाना परिसर आदि में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ, सिगरेट, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा आदि के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया है। यदि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी अथवा आगंतुक इसका उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई होगी।

जिला पदाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक एवं डीडीसी सहित सभी एसडीओ, बीडीओ, सीओ को इस कानून का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं उल्लंघन करने पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। साथ ही सभी सरकारी / गैर सरकारी परिसरों में उक्त आशय का बोर्ड लगवाने के निर्देश दिया है।

सनद रहे कि कोरोना संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। इससे बचाव के लिए बिहार सहित पुरे देश में जहां लॉकडाउन किया गया है वहीं कई तरह के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

जिलाधिकारी मधेपुरा, द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। भा.द.वि. (IPC) की धारा 268 एवं 269  के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के अवसर पर उपेक्षापूर्ण अथवा विधि विरूद्ध कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण हो सकता है तो उसे छह माह का कारावास एवं अथवा 200 रुपये जुर्माना किया जा सकता है। बिहार में तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी संस्थान सोसिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने जिला पदाधिकारी द्वारा निर्गत आदेश का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे तम्बाकू के उपयोग में कमी आएगी साथ ही कोरोना जैसी महामारी फैलने का खतरा कम रहेगा।

श्री मिश्र ने बताया कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संघठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित GATS 2 के सर्वे में बिहार में तम्बाकू सेवन करने वालों में कमी आई है, यह आंकड़ा पिछले 7-8 साल में 53.5% से घट कर 25.9% हो गया है। जिसमें चबानेवाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 23.5% है।


Spread the news
Sark International School