नालंदा/बिहार : जिले में नोबेल करोना वायरस की वजह कर लॉक डाउन के कारण सभी मांस, मछली और मुर्गा आदि की दुकान पूरी तरह से बंद थी, जबकि लॉक डाउन के अवधि में मांस मछली और मुर्गा की दुकानों को अलग रखा गया था, सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग यानी समाजी दूरी बनाकर बिक्री करने की बात कही गई थी, इसी कारण जिला पशुपालन पदाधिकारी को मांस, मछली, मुर्गा के विक्रेताओं से संपर्क कर दुकान को खुलवाने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को यह भी आदेश दिया है कि लॉक डाउन के दौरान कृषि कार्यों को पूरी तरह मुक्त रखा गया है। उन्होंने कहा कि कृषि पदाधिकारी को आदेश दिया गया है की कृषि कार्य से जुड़े हुए सभी व्यक्तियों को प्रखंड विकास पदाधिकारी और अनुमंडल अधिकारी के द्वारा पास निर्गत किया जाए ताकि कृषि कार्य का निष्पादन करने में किसी तरह की कठिनाई उत्पन्न नहीं हो। उन्होंने बताया कि सभी पदाधिकारियों को स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि इस अवधि में कृषि एवं इससे संबंधित कार्यों पर किसी तरह की रोक नहीं है और किसानों को किसी भी तरह की कठिनाई ना हो। इसके अलावा गर्मी के मौसम को देखते हुए भू-जल स्तर पर भी विशेष निगरानी रखने का निर्देश पीएचईडी के इंजीनियरों को दिया गया और बताया गया कि खराब पड़े सभी चापाकलो की युद्ध स्तर पर मरम्मत कर सभी बंद पड़े चापाकलो को चालू कराया जाए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी नगर निकाय कार्यपालक पदाधिकारियों को भी नल-जल योजना के कार्य पर लॉक डाउन के अवधि में कोई रोक नहीं है, इसलिए नल जल की योजनाओं का क्रियावर्णन सुनिश्चित कराया जाए सिर्फ कार्य योजना के समय सोशल डिस्टेंसिंग एवं सनीटाडाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जाए । वहीं इन कार्यों में लगे श्रमिकों और कर्मियों को मास्क लगाने सैनिटाइजर आदि आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया। इस तरह कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के बावजूद भी बहुत सारे कार्यों को लॉक डाउन से अलग रखते हुए कार्यों का निष्पादन करने का आदेश दिया गया।