किशनगंज : लॉक डाउन का असर सिर्फ शहरी क्षेत्रों में, ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी जागरूकता की कमी

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शशिकांत झा
वरीय उप संपादक

किशनगंज/बिहार  : जिले में कैरोना जैसे जानलेवा वायरस के असर से बचने के लिए जारी दिशानिर्देशों से शहर तो बंद हो गये हैं, पर इसके लिए किये गये लॉक  डाऊन का कोई असर देहाती क्षेत्रों में नहीं दिख रहा है। रोजमर्रे की तरह लोग हाट बाजारों में एक बड़ी संख्याओं में आकर मवेशियों और गैरजरूरी सामानों की खरीद फरोख्त में लगे हैं ।छोटी बड़ी गाड़ियां वेधड़क बड़ी संख्याओं में चल रही है ।जिस पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई जा सकी है ।

मंगलवार को सुबह से हीं लोग प्रखंड के विख्यात मवेशी हाट लोहागड़ा निकल पड़े थे । सांय सांय कर बाईक, पीक अप और आटो सहित जुगाड़ गाड़ियां हाट के लिए बेधड़क फर्राटे भर रही थी । उसी समय एक मानवता के पुजारी ने लोहागड़ा हाट का लाईव दिखाकर व्यंग किया कि -क्या यही लॉक डाऊंन है ? फिर तुरंत का फोटोग्राफस भी भेजा जाने लगा । जहाँ हाट में मवेशियों और सभी तरह के वाहनों की आवाजाही बिना रुकावटों के जारी था ।

इस पर इस संवाददाता ने इसकी पड़ताल की तो मामला सौ फीसदी सही निकल । लोहागड़ा हाट जाने वाली सड़कों पर बाईक और आटो का रेला दिख रहा था । जैसे सरकार और कानून इन सवारों के दायरों से अलग था । जहाँ सरकार के आलाधिकारी से लेकर जिला, प्रखंड और थाना विभिन्न माध्यमों से घर में रहने और बाहर ना निकलने की अपील कर रहे थे, दुकानों को (आवश्यक सेवा छोड़कर ) बंद कराया जा रहा था । वहां ऐसे हालात खतरनाक माने जा रहे हैं । मवेशियों को कथित गैरकानूनी ढंग से इन्हीं रास्तों से लाया जा रहा था । सभी बेपरवाह बने मानव जाति को नुकसान पहुंचाने के मानिंद अपने से सरोकार रखने वाले कामों में लगे थे पर संवाद प्रेषण तक इस पर कोई ब्रेक नहीं लगा था । दिघलबैंक बहादुरगंज, ठाकुरगंज तथा तुलसिया से लोहागड़ा हाट तक पहुंचने वाली सड़कें आबाद रहकर और आती जाती गाड़ियों की आवाजों से आवागमन जारी रहने का एहसास करा रही थी । ऐसे में आमलोगों को  बरतने की नितांत आवश्यकता है ।

हलांकि किशनगंज जिला मुख्यालय, बहादुरगंज-ठाकुरगंज नगर परिषद में पुलिस की सख्ती और दंडाधिकारी की मौजूदगी में जरुरी सामानों वाले दुकानों को छोड़कर, सभी दुकान प्रतिष्ठानों को बंद करा दिया गया है । किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी जागरूकता की कमी और लापरवाही का आलम दिख रहा है जो मानवता के लिए खतरे की घंटी है ।


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