मधेपुरा/बिहार : एक तरफ तो कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार नित्य नए कठोर फैसले ले रही है, वहीं दूसरी और कोरोना संदिग्धों के इलाज से जुड़े डॉक्टर तथा चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। आलम यह है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए चिकित्सकों तथा चिकित्साकर्मियों के पास न तो प्रोटोकॉल के अनुसार सेनीटाइज ट्रैक शूट है और न हीं सुरक्षित मास्क।
उक्त बातें सदर विधायक सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री प्रो0 चंद्रशेखर ने जारी विज्ञप्ति में कही। प्रो0 शेखर ने कहा कि सूबे के PMCH एवं IGIMS जैसे नामचीन अस्पतालों की हालत इतनी चिंताजनक है कि कोरोना संदिग्धों की इलाज़ कर रहे डॉक्टर पहले मरीज के परिजन से सेनेटाइज ट्रैक शूट खरीद कर मंगवाते हैं और फिर उसे पहन कर इलाज करतें हैं। यह कैसी विडंबना है? अगर राजधानी के बड़े हॉस्पिटल की हालत यह है तो जिलों तथा अनुमंडलों के हॉस्पिटलों का क्या हाल होगा यह आप खुद अंदाजा लगा सकतें हैं।
उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर डटे टीचर्स कोरोना के संक्रमण से समाज को बचाने के लिए संपूर्ण प्रदेश में देश एवं प्रदेश के सरकारों से पूर्व ही जागरूकता अभियान पूरी तन्मयता से चलाया। ऐसे संवेदनशील शिक्षक वर्ग को वेतन से वंचित करना अनुचित है। उन्होंने cm नीतीश कुमार से मांग की है कि हड़ताली शिक्षकों का जल्द वेतन भुगतान की जाय ताकि कोरोना वायरस से फैले वैश्विक आपदा के समय उनके सामने भुखमरी की समस्या पैदा न हो।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शहरों के लॉक डाउन पर सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए प्रो0 शेखर ने कहा कि खुद तथा परिवार को सुरक्षित कर हम कोरोना से मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि आप की जान काफी कीमती है। इसकी सुरक्षा के लिए कोरोना के संक्रमण का चेन तोरें।
उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि अन्य प्रदेशों से गांव आने वाले लोगों को राज्य सरकार के निर्देशानुसार आम लोगों से अलग रखने की व्यवस्था करायें एवं अपने स्तर कोरोनावायरस की जांच कराकर हीं धर जाने की अनुमति दें ताकि कम्युनिटी लेवल पर इसे फैलने से रोका जा सके। उन्होंने जनता से धैर्य और संयम से इस आपदा का मुक़ाबला करने का आह्यन किया है।