मधेपुरा : विश्वविद्यालय के तारीख पर तारीख से छात्रों का भविष्य दांव पर, आंदोलन एकमात्र विकल्प-राठौर

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कहा : जीरो सेशन के आधार पर हो कोर्स वर्क की परीक्षा नहीं तो आमरण अनशन  

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/इहार : बीएनएमयू में लगातार छात्रों की समस्याओं को लेकर पहल की मांग की गई हर बार पहल के नाम पर एक तारीख और वादों का ढेर मिलता रहा लेकिन पहल जमीनी स्तर पर बिल्कुल नहीं हुई, उक्त बातें वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी सह राष्ट्रीय परिषद् सदस्य हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कही।

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गुरुवार को बीएनएमयू कुलपति के नाम लिखे पत्र में उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की नाकामियों को दर्शाते हुए अविलंब कारवाई की मांग की । कुलपति को लिखे पत्र में राठौर ने कहा कि पीएचडी कोर्स वर्क एक समेस्टर का होता है जिसमें नामांकन, सिलेबस पूरा, परीक्षा सहित रिजल्ट देना होता है लेकिन   14 जून को परीक्षा, जुलाई में रिजल्ट देने के कई माह गुजर जाने के बाद अभी तक परीक्षा तो दूर  सिलेबस के नाम पर नामांकित छात्रों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है। हास्यास्पद तो यह है कि पैट पास छात्रों का मूल अंक पत्र अभी तक नहीं दिया गया जो कि निकट भविष्य में पैट पास का प्रमाण होगा। विगत वर्ष के पैट पास छात्रों के भविष्य को लटकाकर इस वर्ष पैट कि परीक्षा लेने की बात और डी आर एकेडमिक द्वारा ग्यारह फ़रवरी से वर्ग संचालन को मानने वाली बात सोच से परे है।

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वहीं गर्ल्स हॉस्टल के नाम पर लगातार गुमराह किया गया, छात्राओं के आवेदन नहीं आने तक की बात  तक की गई लेकिन जब एआईएसएफ ने इच्छुक छात्राओं की सूची भी उपलब्ध करा दी तब गणतंत्र दिवस के अवसर पर छात्रावास शुरू करने कि घोषणा हुई, उसके बाद भी कई तारीख बनी लेकिन अभी तक छात्रावास को शुरू नहीं किया गया जिसके चलते छात्राएं आज भी इंतजार में हैं। सत्र नियमतीकरण को धीमी गति देकर छात्रसंघ चुनाव को लगातार टाला जा रहा है।

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विवि प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने साफ शब्दों में कहा कि एआईएसएफ किसी भी स्तर पर छात्रों के भविष्य को दाव पर नहीं लगने देगा। उन्होंने कहा कि अब संगठन आरपार की तैयारी में है। विश्वविद्यालय को अल्टीमेटम देते हुए उन्होंने कहा 16 मार्च तक विश्वविद्यालय पैट पास छात्रों के अंक पत्र जारी करने, जीरो सेशन के आधार पर सिलेबस पूरा करने व परीक्षा लेने, गर्ल्स हॉस्टल शुरू करने, अविलंब सत्र नियमित कर छात्र संघ चुनाव कराने की घोषणा हर हाल में करे अन्यथा 17 मार्च से एआईएसएफ अनिश्चित कालीन अनशन का रुख करेगा, जिसकी जवाबदेही विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।


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