पंजाब : अनुशासन एवं एकता की भावना सीखकर राष्ट्र को उंचाई पे ले जाते हैं छात्र – सनाउल्लाह अंसारी

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मेराज आलम
ब्यूरो-लुधियाना, पंजाब

लुधियाना/पंजाब : लुधियाना सांई विध्या मन्दिर स्कूल फरीद नगर बसती जोधेवाल में 9 वीं कक्षा के छात्रों-छात्राओं नें 10 वीं कक्षा के छात्रों को विदायगी पार्टी दी । विधार्थियों नें स्कूल के डायरैक्टर रनजीव नागपाल व प्रिंसीपल अर्पणा नागपाल व जगीरपुर स्कूल के प्रिंसीपल शुरेश शर्मा को पुष्पगुच्छ भेंट करते हुए कहा कि अध्यापकगण समाज वो आईना है जिसको देखकर हमें आगे की प्रेरणा मिलती है ।

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 इस समारोह में मुख्य मेहमान, अमन वेलफेयर सोसाइटी(रजि) के पंजाब प्रधान सनाउल्लाह अंसारी, विशेष तौर पर पहुंचे । कार्यक्रम में छात्रों नें रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमें दो मिनट गेम्ज शो डांस माँडलिंग गीत स्टीक आदि प्रस्तुत करके उपस्थित छात्रों व अध्यापकों नें खुब वाहवाही बटोरी । इस विदायगी समारोह में डायरैक्टर रनजीव नागपाल ने कहा अच्छे  भविष्य कि कामना करते हुए कहा वह समाज के हर उस पहलू से जुडे जिस से समाज का भला हो सके अपना भविष्य बनाने का मोका न गवाऐं, छात्रों का हौसला बड़ा ने के लिये मौजूद रहे दीपानशू नागपाल ने कहा जीवन एक रब का देन है जो मीला है ,जिस स्कूल से पढ़ लिख कर हम आगे बढे हैं उन प्रिंसिपल अध्यापकों का नाम रौशन हो  ताके भविष्य में कहीं भी अाप को जरुरत महसूस हो तो स्कूल की पुरी टीम आप के साथ खडी नजर आये, आप के भविष्य के लिये माँ बाप का बहोत ही बडा योगदान होता है, जो कोइ दौलत से खरीदा नहीं जा सकता है ।

वहीं प्रधानाध्यापक अर्पणा नागपाल ने कहा छात्रों को कभी हम ने छात्र नहीं  बल्के अपना बच्चा समझ के खयाल रखा, बच्चों के केरियर में विकाश करने के लिये अच्छी शिक्षा का होना बहोत ही जरुरी है । अमन वेलफेयर सोसाइटी(रजि)पंजाब प्रधान सनाउल्लाह अंसारी ने कहा बच्चों  लिये प्रधानाध्यापक, अध्यापक  मां बाप के दर्जे से कम नहीं होते, अपने प्रधानाध्यापक, अध्यापक  को दिल में बसा के रखो वो हमारे दुसरे दर्जे के माँ बाप होते हैं, खुब दिल लगा कर पढ़ाई लिखाई करने से ही हमारे राष्ट्र का नाम रौशन होगा आप के माँ बाप भुके रहकर भी आप को पढ़ाना चाहते हैं कि हमारा लडका या लडकी अपने राज भारत देश का नाम रौशन करें । जब हम किसी से विदा लेते हैं या कोई और जब हमसे अलग होता है तो उसे शुभकामनाआें के साथ विदा करना और उसकी शुभकामनायें प्राप्त करते हुए उसे अलविदा कहना फेयरवेल या विदाई कहलाता है । जब कभी भी वे अपनी पढ़ाई पूरी करके स्कूल काॅलेज को छोड़ता है तो प्रिय सहयोगी को अलविदा कहना उस के लिये इतना आसान नहीं होता है वो पल सभी विधार्थियों एवं अध्यापकों का दुख का है । क्योंकि न चाहते हुए भी इस समय हमें छोड़ना पडता है । लेकिन दूसरी तरफ यह खुशी की बात होता है जीवन का नया टर्निंग प्वाइंट है और वह अपने बेहतर कैरियर के निर्माण के लिये देश विदेश जा सकता है । अच्छी पढ़ाई लिखाई से ही माँ बाप अपने देश का नाम रौशन कर सकेगा ।  अंसारी ने कहा आप सभी ने यहाँ से बाहर जाकर काॅलेज स्कूल से जुड़ने और पढ़ने के लिये वर्षों का इंतेजार किया है आखिरकार इतने लम्बे इंतेजार के बाद वो दिन आ ही गया जब आप सांई विध्या मन्दिर स्कूल को छोड़कर अपने भविष्य को नया रुप देने के लिये नया स्कूल काॅलेज में प्रवेश लोगे ।  नदी में गिरने से किसी की मृत्यु नहीं होती, मृत्यु इस लिये होती है उसे तैरना नहीं आता ।

इस मोके से कार्यक्रम में दीपानशू नागपाल, जसवीर मैम, रजनी मैम, ज्योति, नीधीमैम ,तरुन सर, राकेश, पूनम मैम, पराची मैम, हिमांषी मैम अन्य मौजूद रहे ।


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