नालंदा : मौत के बाद आक्रोशित किया हॉस्पिटल मोड़ जाम, 8 घंटा बाद प्रशासन के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने हटाया जाम

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मुर्शीद आलम
नालंदा ब्यूरो
बिहार

नालंदा/बिहार: जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के कागजी मोहल्ला निवासी मोहम्मद पप्पन  की हत्या से आक्रोशित महिला पुरुषो ने काग़जी मोहल्ला मोड़ डॉक्टर आलम के पास आगजनी करते हुए सड़क जाम कर दिया | जिस से बरबीघा-पटना मुख्य मार्ग पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया और दोनों और गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई।

मौत से गुस्साए भीड़ ने फिर शहर का लाइफलाइन कहे जाने वाला अस्पताल मोड़ पर लाश रखकर जाम कर दिया। जाम के दौरान आक्रोशित लोग हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर फांसी देने और परिवार वाले को नौकरी और मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं | जाम के  कारण पुरी शहर का यातायात पूरी तरह बाधित हो गया | हालांकि मौके पर डीएसपी इमरान परवेज़ और  भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे | जब के अस्पताल मोड़ पर उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने हल्की बल प्रयोग भी किया मगर गुस्साए आवाम ने जाम पर डटे रहे।

दरअसल बीती शाम मोहम्मद पप्पन को उस वक्त गोली मारी गई थी जब वह श्रम कल्याण केंद्र के पास मौजूद था उसी समय दर्जन की संख्या में बाइक सवार बदमाशों ने पहले दहशत फैलाने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग की उसके बाद इसे को गोली मार दी | गोली लगने के बाद इसे गंभीर हालत में पीएमसीएच भेजा गया था जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया | शव आने के बाद इस इलाके के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने सड़क जाम कर दिया | इस मौके पर लोगों ने कहा कि प्रशासन हत्यारे को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने, परिवार वाले को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी देने और मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा की दो दिन पूर्व इनके पिता की मौत हुई थी और फिर बेटे को गोली मार दी गयी। अस्पताल में हो जान की वजह कर पूरे शहर का यातायात बाधित रहा और आम जनों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ा। पूरा अस्पताल मोर 8 घंटों तक पुलिस छावनी में तब्दील रहा।

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 डीडीसी राकेश कुमार एसडीओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल और डीएसपी इमरान प्रवेज और पूर्व डिप्टी मेयर गुलरेज अंसारी, वार्ड पार्षद अतीक उर रहमान, मीर अरशद हुसैन, डॉक्टर शहजाद आलम इत्यादि के पहल पर जाम कर्ताओं के बीच सहमति बनी और जाम को हटाया गया। मोहल्ला के लोगों ने यह भी बताया की इस परिवार की माली हालत ठीक नहीं है ऐसे में इस परिवार को अगर सहायता नहीं मिली तो यह परिवार बिखर जाएगा।

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ज्ञात हो कि बाप का जनाजा 3 दिन पहले ही घर से निकला था उसके बाद बेटे का भी जनाजा निकल गया। जिससे घर में पूरी तरह कोहराम मच गया।


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