मधेपुरा : देश और संविधान को बचाने में आधी आबादी किसी से कम नहीं-रहनुमा

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मोदी सरकार का सबका साथ सबका विकास का दावा छलावा-फराह प्रवीण

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : शुक्रवार को मधेपुरा के शाहीन बाग के रूप में स्थापित मस्जिद चौक पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरना में कई वक्ताओं ने धरना को समर्थन देते हुए एन आर सी, एन पी आर, सी ए ए के खिलाफ केंद्र सरकार पर जम कर हमला बोला।

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देर रात धरना को संबोधित करते हुए युवा वक्ता फराह प्रवीण ने कहा कि मोदी सरकार ने सबका साथ सबका विकास का नारा तो दिया लेकिन हिन्दू मुस्लिम की राजनीति कर नारे के विपरित काम कर रहे हैं। आज देश विश्व मंच पर विकास के क्षेत्र में लगातार पिछड़ रहा है और केंद्र सरकार अपने स्थान को मजबूत करने व छवि को सुधारने के बजाय हिन्दू मुस्लिम की राजनीति को हवा देने के लिए नागरिकता का पत्ता फेक रही है। फराह ने साफ शब्दों में कहा कि जनता मोदी सरकार की साजिश को समझ चुकी है जिसके विरोध राष्ट्र स्तर पर बड़ी संख्या में आधी आबादी सड़कों पर उतर आई है। वहीं प्रोटेस्ट में शामिल होने वाली लड़कियों तंज कसने वालों पर चिंता व्यक्त करते हुए फराह ने कहा कि सही शिक्षा की कमी के कारण आज के दौर में कुछ युवा अपनी संस्कृति और सभ्यता को दरकिनार कर दिशाहीन हो गए हैं, इसलिए प्रोटेस्ट में शामिल होने वाली लड़कियों पर तंज कसते है, फराह ने नज़्म के माध्यम से तंज कसने वालों को करारा जवाब देते हुए खबरदार भी किया।

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धरना को संबोधित करते हुए रहनुमा प्रवीण ने धरना को देश व संविधान बचाने की मुहिम बताते हुए कहा कि आज संविधान और देश दोनों खतरे में है। अंग्रेजों की चाटुकारिता करने वाले  देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने के बजाय आज देश को बांटने और बेचने की नापाक साजिश रच रहे हैं। रहनुमा ने कहा मुल्क सोया नहीं जगा हुआ है, किसी भी कीमत पर एनआरसी, एनपीआर, सीएए जैसे विघटनकारी कारकों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि असम से सूची का गायब होना, जेएनयू व जामिया को मिटाने की साजिश, पड़ोसी मुल्क से हो रहे हमले और इनके कार्यकाल में मां बहनों का इज्जत का मजाक बनना, इनकी छवि को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। आज लोग घर बाहर का सारा काम छोड़ आर पार की लड़ाई में आ गए हैं।

कार्यक्रम को शाहनवाज, मुस्कान, सैयद मिर्जा, सद्दाब, नसीम सहित अन्य ने संबोधित करते हुए केंद्र सरकार से मांग किया कि बेवजह के विषयों में देश को उलझाने के बजाय विकास की बात करें और काला कानून को वापस लेकर माँ बहनों को परेशान करना बंद करे ।

धरना में विगत दिनों से भी ज्यादा कि संख्या में औरतों संग पुरुषों की भागीदारी देर रात तक जमी रही ।


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