फुलवारी शरीफ/पटना : इमारत शरिया की विशेष दिलचस्पी और अपील पर लेफ्ट पार्टियों समेत दर्जनों राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक पार्टियों एवं संगठनों की आवाज़ पर सी ए ए ,एन पी आर एवं एन आर सी के विरुद्ध पूरे बिहार में मानव श्रृंखला बनाई गई । जिस में हर वर्ग एवं धर्म के पुरुष, महिला , बच्चे , बुढ़े, जवान सम्मिलित हुए एवं सी ए ए , एन पी आर एवं एन आर सी के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की ।
लोग इस मानव श्रृंखला के बारे में कह रहे हैं की सभी पिछली मानव श्र्ंख्लाओं पर यह मानव श्रृंखला भारी रही । कम समय में अमीर-ए- शरीयत की आवाज़ पर लोगों का इस तरह घरों से निकल कर सड़कों पर आजाना , इमारत शरिया और हज़रत अमीर-ए- शरीयत की लोकप्रियता के साथ इस काले कानून के संबंध में लोगों की सख्त नाराजगी की दलील है। चश्मदीदों की मानें तो आंकड़ों पर जज़्बा एवं जोश भारी नज़र आया । जो इस से पहले मानव श्रृंखला में कभी नहीं देखा गया ।
पूरे बिहार में हज़ारों किलोमीटर लंबी लाइनों में सड़क के किनारे कतार के रूप में NO CAA, NO NPR और NO NRC का बैनर एवं पोस्टर लगाए , हाथों में तिरंगा लिए खामोशी मगर पूरे जोश और हिम्मत के साथ खड़े लोग सरकार को यह मौन संदेश दे रहे थे कि चाहे कुक हो जाए लेकिन वह देश के संविधान , लोकतंत्र और देश की अखंडता को समाप्त करने के सरकार के किसी षड़यंत्र को कदापि कामयाब नहीं होने देंगे। और उस क्षण तक डटे रहेंगे जब तक कि यह काला कानून वापिस नहीं हो जाता।
इस मानव श्रृंखला को इमारत शरिया का पूरा समर्थन प्राप्त था और हज़रत अमीर-ए- शरीयत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने प्रेस कान्फ्रेंस कर के लोगों से इस में भाग लेने की अपील की थी । इमारत शरिया के मरकज़ी दफ्तर के जिम्मेदारों एवं कर्मचारियों के अतिरिक्त सभी ब्रांच दारुल क़ज़ा के काजियों , गाँव गाँव और नगर नगर फैले हुए हजारों नाकीबों , नायब नाकीबों अरबाब-ए- हल-व अक्द , शूरा एवं आमला के सदस्य , जिला एवं ब्लॉक स्तर के अध्यक्ष एवं सचिव , हजारों मस्जिदों के इमामों की मेहनत से पूरे राज्य में फैले हुये दो करोड़ से अधिक मर्द , औरत , बच्चे , बूढ़े एवं जवानों ने इस मानव श्रिंखला में भाग लिया ।
इमारत शरिया के कार्यवाहक महासचिव मौलाना मोहम्मद शिबली कासमी ने पूरे बिहार की जनता को इस मानव श्रृंखला की रिकार्ड तोड़ कामयाबी पर मुबारकबाद देते हुये कहा कि इस मानव श्रृंखला की खनक संसद में गूंज रही है औ इस से हुकमारानों की नींदें उड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ज़िद पर अड़ी हुई है । लेकिन देश की जनता ने भी तै कर लिया है कि उस समय तक डटे रहेंगे जब तक सरकार घुटने टेकने एवं इस काले कानून को वापिस लेने के लिये तैयार न होजाए । सरकार ने जो कानून बनाया वह देश के लिए और जनता के लिए लाभदायक नहीं है । सरकार के सामने जब पब्लिक की भावनाएँ और उन के सुझाव पहुँच गए तो सरकार का दायित्व है कि वह पब्लिक की बात मानते हुये कानून वापिस ले एवं ज़िद तथा घमंड के मार्ग से दूर रहे।
पहले भी कई बार ऐसा हुआ है कि पब्लिक के विरोध और जनता की राय पर कानून को सरकार ने वापिस ले लिया है। उन्हों ने यह भी कहा कि मानव श्रिंखला की रिकार्ड कामयाबी के बाद अब हमारा अगला निशाना 29 जनवरी को होने वाले भारत बंद को कामयाब बनाना है ।