शाहीनबाग की बच्चियों ने रास्ता दिखा है, शाहीनबाग की बच्चियों का जिंदाबाद.. 

Spread the news

शाहीनबाग की बच्चियों ने रास्ता दिखा है, शाहीनबाग की बच्चियों का जिंदाबाद.. 

जामिया की लड़कियों ने रास्ता दिखाया है जामियाँ  की लड़कियों को  जिन्दाबाद..

एएमयू की लड़कियों ने रास्ता दिखाया है, एएमयू की लड़कियों का जिंदाबाद..

जेएनयू के भाइयों ने रास्ता दिखाया है जेएनयू के भाइयों का  जिंदाबाद.. 

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय के मस्जिद चौक पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन आज पांचवें दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने अपनी एकजुटता और सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर के प्रति अपना विरोध दर्ज कराते हुए केंद्र सरकार की जमकर निंदा की, और विरोध में जमकर नारे लगाए।

प्रखर समाजसेवी डॉ. जवाहर पासवान, एआइएसएफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य हर्षवर्धन सिंह राठौर, माजपा नेता प्रो.  फिरोफ मंसूरी सहित अन्य  हस्तियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों का हौसला अफजाई किया।

देखें वीडियो :

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री पर तीखा प्रहार करते हुए वक्ताओं ने कहा कि इस देश की मिट्टी में वो ताकत है जिससे अंग्रेजों को खदेड़ दिया गया और वो भाग खड़े हुए। उन्होंने क्रांतिकारी भाषण में केंद्र की सत्ता को ललकारते हुए कहा कि आम जनता को कमज़ोर न समझो, जनांदोलन में वो शक्ति है जिसने बड़े-बड़े तानाशाहों के होश ठिकाने लगा दिए हैं, और उखाड़ फेंका है। वक्ताओं ने एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को भारत के संविधान के मूल आत्मा के खिलाफ बताया।

वक्ताओं ने कहा कि किसी भी कीमत पर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर हमला नहीं होने दिया जाएगा। देश की जनता इस हमले के खिलाफ सड़क पर उतर कर संविधान की रक्षा के लिए लड़ रही है लेकिन सरकार तानाशाह बनी बैठी है, किसी से वार्ता को भी तैयार नही है। देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य राज्यों और जिलों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के साथ-साथ मधेपुरा में इसकी शुरुआत मस्जिद चौक  से हुई जहाँ पिछले पाँच दिनों से लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने जैसे नोटबन्दी में गरीबों को सड़क पर लाइन में खड़ा किया था अब एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर लोगों को सड़क पर खड़ा किए हुए हैं। वक्ताओं ने कहा कि केरल और पंजाब के बाद राजस्थान सरकार भी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने जा रही है तो वहीँ पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में भी इसपर विचार किया जा रहा है। देश भर में छात्रों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों आदि के बड़े समूह का समर्थन इस विरोध प्रदर्शनों को मिल रहा है।

अभियान के सक्रिय सदस्यों ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अपील किया कि शांति और सौहार्द को कायम रखते हुए, सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर इस विरोध को जारी रखा जाए। आगे अपील की गई कि बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की रक्षा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए गए सत्य और अहिंसा के रास्ते से की जाए।

डॉ जवाहर पासवान, BNMU राजनीतिक विज्ञान प्रोफेसर सह प्रखर समाज सेवी  :-

         जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नही ले लेती तक तक यह प्रोटेस्ट यहाँ जारी रहेगा, यह सिर्फ मुसलमान का मसला नहीं बल्कि देश के दलित, एससी एसटी, आदिवासी और पिछले जाति  के करोड़ों हिन्दू समुदाय लिए भी बहुत ही गंभीर मसला है, मैं देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डंके की चोट पर कहना चाहता हूँ कि नरेंद्र मोदी हम असली भारतीय है और हम सभी को एहसास हो रहा है कि तुम इस देश का प्रधानमंत्री नहीं है क्योंकि देश वासियों के बजाय तुमको चिंता है बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लोगों का, हम असल देशी है, हम असल भारतीय है, और तुम भारत का प्राधानमंत्री होकर विदेशी के जैसा बर्ताव कर रहा है।

इसलिए अब देशवासी तुमको अपना प्रधानमंत्री मानने को तैयार नहीं है, तुम विदेशी प्राधानमंत्री हो इसलिए विदेश वालों के हित की बात कर रहो हो, तुम देश को तकलीफ पहुंचा रहे हो, और जब से यह काला कानून लायाया है गया है तब से संपूर्ण देश के मानस पटल पर संपूर्ण देश की जनता खड़ी हो गई है, आज स्थिति यह है कि सम्पूर्ण देश की यूनिवर्सिटी। पूरे देश का शिक्षालय और सुप्रीम कोट से लेकर राज्य, जिला और अनुमंडल स्तर तक के तमाम कोर्ट के अधिवक्तागण  सहित देश तमाम प्रबुद्धजन, समसेवी, छात्र नौजवान सरकार के इस फैसले के विरुध्द खड़े है, इसके बावजूद भी यह हिटलर शाही सरकारी पीछे हटने को तैयार नहीं है, लेकिन मैं बताया देना चाहता हूँ इस हिटलर शाही हुकूमत को कि तुमको हर हाल में पीछे तो हटना ही पड़ेगा, हिटलर के नक्शे कदम पर चलने वाली मोदी सरकार शायद यह भूल गई है कि हिटलर की हिटलरशाही भी अधिक दिनों तक नहीं चली थी, और उसकी शुरुआत जितनी बुलंद  थी उसकी मौत भी उतनी भयावय हुई थी, यही हाल भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का होने वाला है । उन्होंने कहा कि हम संविधान को बनाने वालों में से हैं और तुम और तुम्हारा संगठन और तुम्हारी पार्टी संविधान को जलाने वाली है, हम तिरंगा का सम्मान करने वालों में से हैं और तुम लोग तिरंगे का अपमान करने वालों में से हो । 

फराह प्रवीण छात्रा:-

             हमें किसी भी हिन्दू भाई-बहनों से बैर नहीं है, मुझे तकलीफ मोदी सरकार से है। मैं सरकार से मांग करती हूँ कि आप पहले भारत में gdp, जो प्रत्येक दिन गई रही है, हमारे देश की करेंसी जो डाउन हो रही है और देश में काफी बड़ी संख्या में बढ़  बेरोजगारी है उससे पर ध्यान दें । जहां तक रही हमारी नागरिकता साबित करने कि तो अगर हमारा पासपोर्ट वैध्य नहीं होगा, हमारा मतदान-पत्र वैध्य नहीं होगा तो आपकी सरकार भी वैध्य नहीं है । आपको प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी, अगर आप हमे इस मुल्क का नागरिक नहीं मानते तो हम भी आपको इस देश का प्रधानमंत्री नहीं मानते ।

हर्ष वर्धन सिंह राठौर, एआइएसएफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य :-

          NRC और CAA का भारत में कोई जरूरत नहीं है, यह देश जितना हिंदुओं का है उतना ही मुसलमानों का भी है । किसी को कोई प्रमाण देनी की जरूरत नहीं है, यह सभी का देश है मौजूद दौर में देश में एनआरसी और सीएए जैसे काले कानून पर बात करने की जरूरत नहीं है बल्कि वक्त है शिक्षा पर बात हो, वक्त है रोजगार पर बात हो, वक्त है सिक्षा पर बात हो, वक्त है देश के विकास पर बात हो । यह देश को बड़गलाने का मुद्दा है और देश के लोग इसका मुंह तोड़ जवाब देंगे, देश के लोग इतने नासमझ नहीं है और ना हीं कमजोर है, यहाँ हम सभी में एकता है और तारीख गवाह है कि जब-जब सब एकजुट होकर एक साथ चले है तो बड़ी से बड़ी ताकतें भी पीछे हटी है, हम इस हिटलर शाही सरकार को मुंह तोड़ जवाब देंगे, यह सिर्फ मुसलमानों की लड़ाई नहीं बल्कि यह देश की लड़ाई है और इस लड़ाई में देश के हिन्दू-मुस्लिम साथ हैं और अगर सरकार पीछे नहीं हटी तो सरकार को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी ।


Spread the news