मधेपुरा : कोसी कटाव से विस्थापित परिवार को मिला आशियाना

फोटो - कार्यक्रम में मौजूद मंत्री,एसडीएम व अन्य
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कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : सोमवार को उदाकिशुनगंज अनुमंडल मुख्यालय स्थित कार्यालय परिसर में शिविर लगाकर आलमनगर के कोसी नदी कटाव से प्रभावित दर्जनों परिवारों के बीच जमीन का कागजात वितरण किया गया। शिविर का शुभारंभ बिहार सरकार के विधि एवं लघु सिंचाई विभाग के मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि कटाव पीड़ितों के लिए राज्य सरकार ने जमीन खरीद की। खरीदे गए जमीन पर विस्थापित परिवारों को बसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों के हरसंभव मदद को तैयार है। नदी में लोगों के घर समाहित हो गया है।

उन्होंने कहा कि बेघर परिवार की मदद के लिए वह वर्षों से प्रयासरत थे। वर्ष 2007 ई. में ही रतवारा पंचायत के मुरौत गांव के लोग कोसी नदी कटाव से प्रभावित हुए। नदी में घर विलीन होने के बाद लोग गंगापुर मौजा के सोनामुखी गांव के पास झुग्गी छोपड़ी बना कर रहने लगे। लोगों को अपनी जमीन नहीं होने के कारण परेशानी हो रही थी। अब जबकि सरकार ने विस्थापितों को स्थापित किया तो परेशानी दूर होगी। वहीँ सरकारी सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा साथ लोग जमीन पर ऋण आदि योजना का भी लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जरूरतमंदों के लिए कई तरह की योजनाएं चला रखा है। जरूरत है कि लोग जागरूक होकर योजना का लाभ लें।

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मौके पर एसडीएम एसजेड हसन ने बताया कि मुरौत गांव के 144 विस्थापित परिवारों को जमीन उपलब्ध कराया गया है। विस्थापितों को फिर से स्थापित करने के लिए चार एकड़ 42 डीसमिल जमीन खरीद की गई। जमीन खरीदने में दो करोड़, 17 लाख 57 हजार छह सौ रूपये लगे। सभी लाभान्वित परिवार के नाम से जमीन का निबंधन किया गया। जमीन आलमनगर के गंगापुर मौजा में अवस्थित है। एसडीएम ने बताया कि बचे लोगों को भी बसाने की प्रक्रिया चल रही है। जमीन मिलने से विस्थापित परिवारों में खुशी देखी गई। लोगों ने जमीन मिलने पर सरकार का आभार जताया।

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शिविर के दौरान विस्थापितों में सिकंदर भगत, चंदन शर्मा, कपिलदेव पासवान, कुंदन शर्मा, लारोह देवी, अनीता देवी, प्रतिमा देवी, नक्षत्रर राम, पवन पासवान आदि को निबंधित जमीन के कागजात दिए गए। इस मौके पर आलमनगर के जदयू प्रखंड अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, पुरैनी के शैलेंद्र कुमार, अमरेंद्र सिंह चंद्रवंशी, पूर्व मुखिया अरूण भगत आदि मौजूद थे।


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