नालंदा/बिहार:जिला मुख्यालय बिहार शरीफ में भाकपा माले और इंसाफ मंच के द्वारा बाबरी मस्जिद की शहादत दिवस पर प्रतिवाद मार्च माले कार्यालय कमरुद्दीन गंज से निकलकर शहर के पुलपर, पोस्ट ऑफिस मोड़,भराव पर, रांची रोड होता हुआ अस्पताल चौराहा पर पहुंचकर सभा में बदल गया। इस प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व माले के जिला सचिव सुरेंद्र राम इंसाफ मंच के संयोजक सरफराज खान और इकबालु जफर कर रहे थे।
सभा को संबोधित करते हुए माले नेता सुरेंद्र राम ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप बाबरी मस्जिद के विध्वंस के दोषियों को सजा देने व धर्म ने एकता को मजबूत करने हेतु पर जोर दिया उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को जिस तरह से संघाई परिवार ने बाबरी मस्जिद की विध्वंस कर हिंदुस्तान के कानून की धज्जियां उड़ाई और गंगा ۔जमुनी तहजीब को नेशनाबुद कर दिया था इसलिए अब सरकार को चाहिए कि 27 वर्ष बीत जाने के बाद भी दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिला जो एक लोकतंत्र देश के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द और गंगा-जमुना की संस्कृति के ऊपर बाबरी मस्जिद विध्वंस करके चोट पहुंचाया गया जब के सभी भाजपा के लोग मुकदमे में नामजद अभियुक्त हैं वही नाथूराम गोडसे की पूजा करने वाली संसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान की भी कड़ी आलोचना की गई।
इस अवसर पर इंसाफ मंच के संयोजक सरफराज खान ने कहा कि धर्म पर आधारित नागरिकता संशोधन विधेयक लाया गया है जो न्याय हित में नहीं है।ऐसे में सभी नागरिकों से अपील है कि वह अन्याय के खिलाफ और न्याय के साथ एकजुट होकर खड़े हो और देश की धर्मनिरपेक्षता संविधान और गंग -जमुनी तहजीब को मजबूत करने के लिए कदम से कदम मिलाकर आज आगे बढ़ने की जरूरत है।इस प्रतिवाद मार्च में इंडियन पीपुल्स फोरम के जिला संयोजक मनमोहन सिंह माले के जिला सदस्य मकसूदन शर्मा, मुन्नीलाल यादव, सुनील कुमार, पाल बिहारी लाल, शिव शंकर प्रसाद, अधिवक्ता अनिल पटेल, रामदेव चौधरी के अलावा सैकड़ों की संख्या में इस प्रतिवाद मार्च में लोग शामिल थे।