
उप संपादक
मधेपुरा/बिहार : कश्मीर सहित संपूर्ण देश में अघोषित आपातकाल है. यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है. चार महीने से कश्मीर में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य प्रबुद्ध जनों को कैद कर रखा गया है और कहा जाता है कि सब कुछ ठीक है । आम आवाम चुप है, इसलिए मोदी सरकार तानाशाह है. उक्त बातें शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित कला भवन में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन गोपीनाथ ने कही ।
उन्होंने कहा कि सरकार की खिलाफ बोलने पर देश के खिलाफ बोलना सिद्ध किया जाता है । आज जनता को यह पता नहीं है कि हम भारत के नागरिक रहेंगे कि नहीं । प्रमाण मांगा जा रहा है की कौन-कब आया । अगर आपके पास प्रमाण नहीं है तो आप देश के नागरिक नहीं रहेंगे । खासकर मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है । लोकतंत्र में हम सवाल इसलिए पूछते हैं कि हमारा देश एवं इसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होगी । यह अधिकार हमको भारतीय संविधान का आर्टिकल 19 देता है । विरोध करना देश हित में संघर्ष करना या हमारा हक भी है और जिम्मेदारी भी है । सच्चा देश प्रेमी हर गलत के खिलाफ आवाज उठाता है । जब हम प्रजा से नागरिक हो जाएंगे, तब यह राजा से सेवक हो जाएंगे । उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार संविधान को दरकिनार कर काम कर रही है । इसलिए मैंने आईएस पद से इस्तीफा दिया है । उन्होंने कहा कि हम सब को बोलना होगा, लड़ना होगा, तब ऐसा देश बनेगा जहां सब को बोलने का अधिकार होगा और यह सबका देश होगा ।
