मधेपुरा : सीबीसीएस प्रणाली पर वर्कशाप संपन्न, तीन विशेषज्ञों ने दिया प्रशिक्षण

Sark International School
Spread the news

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : सीबीसीएस का उद्देश्य छात्र-छात्राओं का समग्र विकास है। इसमें छात्र-छात्राओं के विषय ज्ञान के साथ-साथ उनके कौशल विकास पर भी ध्यान दिया गया है और उन्हें राष्ट्रीय समस्याओं से जोड़ने की भी कोशिश की गई है।

यह बात पूर्व डीएसडब्लू एवं जंतु विज्ञान विभाग के प्रो डा नरेन्द्र श्रीवास्तव ने कही. वे बीएनएमयू ऐकेडमिक शाखा द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सीबीसीएस प्रणाली का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को स्किल्स के प्रति जागरूक करना, उनमें सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना जगाना और उनके अंदर राष्ट्रीय चेतना का विकास करना है। छात्र-छात्राओं को अपने विषय का ज्ञान हो, वे समाज एवं राष्ट्र की समस्याओं से भी रूबरू हों और वे अपनी सभ्यता-संस्कृति एवं परंपराओं से भी जुड़े रहें।

सीबीसीएस प्रणाली वैश्विक समाज की जरूरतों के अनुरूप : उन्होंने सीबीसीएस प्रणाली से संबंधित सभी आयामों पर विशेष जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव सह उप कुलसचिव अकादमिक डा एमआई रहमान ने कहा है कि सीबीसीएस प्रणाली वैश्विक समाज की जरूरतों के अनुरूप है। विश्वविद्यालय प्रशासन इसे समुचित रूप में लागू करने के लिए प्रतिबद्धत है। रसायनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डा नरेश कुमार ने सीबीसीएस के विभिन्न आयामों पर अपने विचार रखे और ऑर्डिनेंस एवं रेगुलेशंस के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि सीबीसीएस प्रणाली में विभिन्न विषयों को अलग-अलग समूहों में रखा गया है. कोर ग्रुप में मूल विषय हैं। कम्पलसरी इलेक्टिव में वैसे विषय हैं, जो मूल विषय से जुड़े हैं। इसके अलावा एबिलिटी इन्हेन्समेंट कंपल्सरी कोर्स (एआईसीसीई), स्कील इन्हेन्समेंट कोर्स (एसईसी) एवं डीसाप्लिन स्कील कोर्स (डीएससी) कोर्स भी शामिल किए गए हैं।


Spread the news
Sark International School