पटना/बिहार : पटना जल प्रलय में लोगों के मददगार बने कर सामने आये जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा आज राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित शाखा मैदान से राजभवन तक जन क्रांति मार्च का आयोजन किया गया, जिसे पटना पुलिस ने बीच में ही भट्टाचार्य मोड़ पर रोक दिया। इस दौरान शांति पूर्ण मार्च कर रहे लाखों लोगों पर पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। उसके बाद बर्बातापूर्ण तरीके से लाठी चार्ज भी किया, जिसमें पार्टी के कई दर्जन नेता व कार्यकर्ता समेत आम जनता भी घायल हो गई। बाद में घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
इससे पहले पूर्व सांसद पप्पू यादव ने शाखा मैदान में आयोजित एक विशाल जन सभा को संबोधित किया और कहा कि बिहार को यहां के नेताओं ने बर्बाद कर दिया है। नेताओं को बिहार की चिंता नहीं है। उन्होंने बिहार का सबसे बड़ा दुश्मन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को बताया और उनके इस्तीफे या बर्खास्तगी मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करते हुए पटना जल त्रासदी के लिए जिम्मेवारी तय करने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि दोषी नेताओं और पदाधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाये। पप्पू यादव पटना जल प्रलय के अलावा कई अन्य मुद्दों को लेकर भी सरकार पर हमलावर रहे। साथ ही उन्होंने पटना जल त्रासदी मामले की जांच हाईकोर्ट के जज द्वारा करवाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष ने 30 साल की राजनीति में बिहार को नासूर बना दिया। हर तरफ से हमारी आजादी को छीन ली गई है। नेता प्रदेश में अपराधी माफिया लूटतंत्र को बढ़ावा दे रहे हैं। नेताओं ने दर्द, पीड़ा, जाति, धार्मिक – समाजिक उन्माद तथा नफरत को बढ़ावा देकर हमें जल कर्फ्यू और जेल कैदी के रूप में रहने को विवश किया। वैसी सरकार का क्या मतलब जो किस्मत भाग्य, भगवान और मौसम के सहारे ही हमें सुरक्षित रहने की बातें करती हो। वैसे लोकतंत्र में जहां करोड़ों रुपए खर्च करके चुनावी प्रक्रिया पूरी की जाती हो, वहां पर जनता के हितों का ख्याल करने वाली सरकार ना हो। यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
उन्होंने कहा कि हर साल बाढ़ और सुखाड़ के कारण किसान – मजदूर भूखे मरने पर मजबूर हो रहे हैं। वहीं, नीतीश कुमार ने अपने नवरत्नों के माध्यम से बाढ़ मुक्ति के नाम पर दो लाख उनतीस हजार करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन उसके बाद भी बिहार में हर साल बाढ़ से बड़ी तबाही होती आ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शुद्ध पानी, शुद्ध हवा और सामाजिक सुरक्षा देने में भी पूरी तरह से नाकाम रही है। पूरे राज्य में बिजली की दरों में निरंतर वृद्धि हो रही है, जो देश में सबसे अधिक है। पटना को स्मार्ट सिटी, नमामि गंगे परियोजना तथा अन्य विकास परियोजनाओं के नाम पर तेईस हजार करोड़ रुपये की लूट हुई है। इसका वर्णन सीएजी की रिपोर्ट में भी आया है।
श्री यादव ने कहा कि कहीं भी नागरिक सुविधा नहीं है, जिस कारण सुविधा नहीं तो टैक्स नहीं रोजगार नहीं तो सरकार नहीं इन बातों को भी लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। क्योंकि सिर्फ टैक्स पर टैक्स बढ़ाने वाली सरकार को अगर टैक्स नहीं दिया जाए, तभी वह सुविधाएं देने पर विचार कर सकती है। जो नौजवानों को रोजगार नहीं दे वैसे सरकार का रहना बेकार है। पटना में जलजमाव के कारण पांच से दस हजार करोड की संपत्ति का नुकसान हुआ है, जिसका आकलन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है और ना ही राज्य सरकार इसकी क्षतिपूर्ति कर पा रही है। बीमा कंपनियां भी टालमटोल की नीति अपना रही है।
उन्होंने झुग्गी – झोपड़ी को लेकर कहा कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के झुग्गियों को तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए और गरीबों पर पुलिसिया अत्याचार रोका जाये। पटना में विकास के नाम पर हुई लूट की जांच पटना हाई कोर्ट की निगरानी में कराई जाए। साथ ही साथ पिछले 30 वर्षों में पटना के सभी सांसद, विधायक और वार्ड पार्षद के विकास के फंड की जांच भी कराई जाए, जिससे पता तो चले कि आखिर इन योजनाओं पर कितना खर्च हुआ। उन्होंने कहा कि अगर हमें प्रदेश की जनता मौका देती है तो हम वन नेशन वन हेल्थ वन एजुकेशन के साथ-साथ बेरोजगार नौजवानों के रोजगार के लिए बेहतर उपाय करेंगे और योजनाबद्ध कार्यक्रमों के साथ सामने आएंगे। साथ ही साथ माफियाराज, गुंडाराज और कानून तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी, ताकि अपराधियों के बीच खौफ पैदा हो।
मार्च में पटना बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक डॉक्टर रितेश राज सिन्हा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक अजय कुमार बुलगानी ,राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज़ अहमद, प्रदेश अध्यक्ष रघुपति सिंह ,पूर्व विधायक रामचंद्र यादव ,राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह, राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू ,अकबर अली परवेज, महताब खान ,प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह कुशवाहा, उमेर खान ,प्रदेश प्रधान महासचिव सूर्य नारायण साहनी, प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी , नागेंद्र त्यागी, बबन यादव शंकर पटेल, अरुण सिंह ,जावेद इकबाल खान, छात्र अध्यक्ष गौतम आनंद ,महिला प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्रीमती आभा राय, किसान प्रकोष्ठ अध्यक्ष मनोहर यादव ,अति पिछड़ा प्रकोष्ठ अध्यक्ष विमल महतो अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वकील दास झुग्गी झोपड़ी संघर्ष मोर्चा के प्रदीप पासवान के नेतागण क्या लावा पटना सिविल सोसाइटी के अन्य पदाधिकारी तथा पार्टी के प्रदेश के पदाधिकारी सभी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जिला अध्यक्ष सहित लाखों की संख्या में पटना के पीड़ित लोग भी उपस्थित थे।