नालंदा/बिहार: जिले के चंडी रेफरल अस्पताल को देखकर भरोसा नहीं होगा कि यह सरकारी अस्पताल है या फिर कोई सौदा करने वालों का अड्डा? जान कर हैरानी होगी कि यहां खुलेआम लोगों से रुपए वसूल किए जाते हैं। इसलिए चंडी रेफरल अस्पताल को अगर वसूली केंद्र कहें तो कोई ग़लत नहीं होगी।
ऐसा नहीं है कि रेफरल अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीजों से पैसे वसूलने का कोई नया धंधा है। यह पहले से ही चला आ रहा है। रेफरल अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों का एक संगठित गिरोह है। जो प्रसव कराने आई गांव ग्राम की महिला मरीजों के परिजनों को अपना शिकार बनाती है। गरीब और मजबूर महिला मरीज को परिजन अस्पताल प्रसव के लिए लाते हैं कि उन्हें पैसे खर्च नहीं करने पडेगे। लेकिन यहाँ तो उल्टा ही दिखाई देता है। बीते दिन इसी प्रखंड के नरसंडा गांव से प्रसव कराने आई मरीज के परिजन से सूई के नाम पर 180 रूपये ठग लिए। फिर प्रसव होने के बाद उनसे पैसे की मांग की गई। कम पैसे देने पर ड्यूटी पर तैनात नर्से तन गई और यहां तक कह डाला कि पैसे नहीं रहता है तो अस्पताल क्यों लेकर आती हो जब के प्रसव कराने आई महिला के परिजनों ने सुध पर ₹500 ही लेकर आने की बार-बार दुहाई देती रही। मगर इन लाचार और बेबस लोगों की कोई सुनने वाला नहीं था। अब इन बदमाश नर्सों को कौन समझाए कि अगर इन इन मरीजों के पास पैसे होते तो सरकारी अस्पताल क्यों आती।
ऐसा नहीं है कि चंडी रेफरल अस्पताल में नर्सो की करतूत की जानकारी चिकित्सा प्रभारी को नहीं है। लेकिन उन्होंने कभी भी कार्रवाई करवाई नहीं की इस पर भी एक प्रश्न खड़ा होता है। क्या इस काली कमाई में रेफरल अस्पताल के प्रभारी भी संलिप्त हैं।