मधेपुरा/बिहार : लगातार पांच दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने शहर के जीवन यापन को जहां अस्त-व्यस्त कर दिया है। वहीं कई जगहों पर लोगों का अपने घर में रहना भी दुर्लभ हो गया है। लगातार पांच दिनों से हो रही बारिश के कारण शहर के सभी मुख्य मार्गों पर जलजमाव है। साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा जल निकासी का भी कार्य किया जा रहा है। सभी ओर नाले की सफाई की जा रही है। जिससे सड़कों पर जलजमाव ना हो। लेकिन जिला मुख्यालय क्षेत्र के ही जिला पदाधिकारी सहित जिले के सभी वरीय अधिकारी आवास के समीप एवं केवी विमेंस कॉलेज के समीप एक बस्ती जो पूर्ण तरह पानी में डूब चुकी है। उस बस्ती के लोगों के लिए ना तो ठहरने का और ना ही खाने-पीने की कोई व्यवस्था है।
देखें तबाही के मंजर का वीडियो :
जलस्तर बढने से दर्जनों मुहल्ले में पानी फैला
पांच दिनों से मुसलाधार बारिश एवं नदी में जलस्तर बढने से दर्जनों मुहल्ले में पानी फैल गया है। नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 14 गायत्री मुहल्ले पूर्णत: जलमग्न हो गया है। सभी लोग अपने घर से सामन निकाल कर सड़क पर रख रहे हैं। कुछ लोग सड़क किनारे बांस का खुंटा गला प्लास्टिक लटका रहे थे। मुहल्ला में बारिश का पानी जमा होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मूसलाधार बारिश के कारण सभी लोगों का घर पानी में पूर्ण तरह डूब चुका है।
पानी से होकर गुजर रहे सहदेव मंडल, गणेश राय, सज्ञान देवी, सुशीला देवी, रेखा देवी, जागेश्वर मंडल, ललन कुमार, मिथुन कुमार, नितेश राय, जीवन राय, रीना देवी, सुदामा देवी, विनोद चौरसिया ने बताया कि यह स्थिति वर्षों से है। गायत्री मुहल्ला निवासी रेखा कुमारी, रंजु देवी, बेबी देवी, मनीषा देवी, सत्यनारायण मंडल, राजेश कुमार ने बताया कि लगातार पांच दिनों सुबह बारिश के कारण हम लोगों का घर पूरी तरह डूब चुका है। अब खाने के लाले पड़ रहे है। वहीं मुहल्ले में रह रहे लोगों ने पानी में घुस कर विरोध करते हुए बताया कि घर में पानी फैल जाने के कारण हमलोग को घर से निकल कर सड़क पर गुजारा करना पड़ रहा है।
अब तक नहीं मिली है लोगों को कोई सुविधा, घर पूरी तरह डूबा
मालूम हो कि दो सितंबर को इस बस्ती को जिला प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण के कारण हटाया गया था। यह मामला लगातार दो दिनों तक चला था, जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा तत्काल रहने के लिए प्लास्टिक देने की बात की गई थी, लेकिन अब तक उन लोगों को कोई सुविधा नहीं दी गई है, साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा जमीन का पर्चा भी दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक जमीन उन लोगों को नहीं दिया गया है। वही लगातार पांच दिनों से मुसला धार बारिश के कारण जहां बस्ती वाले प्लास्टिक डालकर गुजर-बसर कर रहे थे। वह भी अब पूरी तरह डूब चुका है. जिसके कारण उन लोगों के लिए रहने का भी कोई गुजारा नहीं है।