सुपौल : छातापुर थानाध्यक्ष को आक्रोशित भीड़ ने घंटो तक बनाया बंधक, आरोपी पक्ष को बचाने का आरोप

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रियाज खान
संवाददाता
भीमपुर, सुपौल

छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर थाना क्षेत्र के रामपुर पंचायत स्तिथ इंद्रपुर गांव में शुक्रवार को काउंटर केस में प्रथम पक्ष को गिरफ्तार करने पहुंचे छातापुर थानेदार को पड़ा महंगा । आक्रोशित ग्रामीणों ने लगभग चार घंटा तक थानाध्यक्ष को बंधक बना कर सड़क को घंटो जाम कर पुलिस के विरुद्ध जमकर नारेबाजी किया । जानकारी अनुसार बीते 9 सितंबर सोमवार को दो पक्षों में मारपीट हुई थी, जिसमें प्रथम पक्ष के 52 वर्षीय मो सुबेर तथा उनके 27 वर्षीय पुत्र मो नौलेज आलम तथा उनके पुत्रवधु को मारपीट में बुरी तरह जख्मी कर दिया था, जिसे छातापुर पीएचसी से बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था, जो आज जिंदगी और मौत के बीच पटना के एक निजी अस्पताल में लड़ाई लड़ रहा है ।

इधर पुलिस द्वारा प्रथम पक्ष के आवेदन के आलोक में काण्ड संख्यां 254/19, घटना के एक दिन बाद दर्ज किया था, प्रथम पक्ष का आरोप है कि मोटी रकम लेकर आरोपी पक्ष से प्रथम पक्ष के नौ लोगों के विरुद्ध थाना कांड संख्या 255/19 दर्ज कर लिया । प्रथम पक्ष के सुबेर की पत्नी वकीदा खातून के अलावे ग्रामीणों का कहना है कि द्वितीय पक्ष के लोगों में से कोई जख्मी नहीं है तो फिर पुलिस द्वारा किस स्तिथि में समान धारा में प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी को गिरफ्तार करने  के बजाय काउंटर केस में नामजद किए गए प्रथम पक्ष के लोगों को ही गिरफ्तार करने गई ।

बहरहाल इस दौरान छातापुर थानाध्यक्ष राघव शरण को लगभग चार घन्टे हजारों की संख्यां में मौजूद आक्रोशित लोगों की भीड़ ने बंधक बनाकर रखा। उस बीच लगभग एक घंटे के लिए थानाध्यक्ष को एक बंद कमरा में कैद कर दिया गया । थानाध्यक्ष द्वारा इसकी सूचना स्थानीय पूर्व मुखिया सह वर्तमान मुखिया प्रतिनिधि मो हासिम को फोन पर बंधक बनाए जाने की सूचना दी गई, सूचना पर पहुंचे मो हासिम ने बंद कमरे से थानाध्यक्ष को मुक्त कर बाहर निकाला गया । जिसके बाद मुखिया को भी भीड़ का दंश लगभग तीन घंटे तक झेलना पड़ा । आखिरकार थानाध्यक्ष खुद आक्रोशित लोगों को अस्वस्थ किया कि कांड संख्या 255/19 में से जख्मी लोगो का नाम हटा दिया जाएगा । साथ ही धारा 307 को भी हटा कर जमानती धारा में केस को तब्दील कर दिया जाएगा ।

थानाध्यक्ष के आश्वासन के बाद आक्रोशित लोग शांत हुए और थानाध्यक्ष को बंधक से मुक्त कराया गया ।


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