मधेपुरा : चौसा में कल लगेगा मानव मेला

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यहिया सिद्दीकी
मुख्य संरक्षक
द रिपब्लिकन टाइम्स

चौसा/मधेपुरा/बिहार : साम्प्रदायिक सदभाव, एकता और भाईचारा की दशकों पुरानी परंपरा की चौसा, मधेपुरा (बिहार) में मंगलवार 10 सितंबर 2019 को पुनरावृति होगी। मंगलवार को अपराह्न में स्थानीय जनता उच्च विद्यालय के मैदान में मुहर्रम मेला आयोजित किया जाएगा । मैदान के एक छोर पर देवी दुर्गा का ऐतिहासिक मंदिर स्थापित है ,जबकि दूसरे छोर पर अपराह्न में चौदह ताजिया स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही हिन्दू और मुसलमान का भेद मिट जाएगा। जनसैलाब का रैला “मानव मेला” में तब्दील हो जाएगा।
चौसा की यह साझी संस्कृति देश के लिए एक नजीर है। यह शानदार तोहफा हमारे पूर्वजों ने हमें दिया है। हमारे पूर्वज मो.रफीक, हरि पटवे, लक्खी राम, सूरजमल अग्रवाल, पूर्व प्रमुख योगेंद्र यादव, पूर्व उपप्रमुख सुरेश मंडल, डॉ अयूब हसन, अब्दुल कैयूम, वासुदेव पटवे, अविनाश चंद्र यादव, बित्तो यादव, जमाल उद्दीन सिद्दीकी, युनूस सिद्दीकी, शकील अहमद,सौदागर मंडल, जगदीश मेहता, शिव कुमार मंडल, पंचानंद भगत, सूरज मल अग्रवाल, परमेश्वर पासवान, शकील अहमद, गोपीकांत चौरसिया, कुलदीप भगत, डा खोखन मंडल, सौदागर मंडल, हरिनाथ पासवान, गणेश भगत और तिवारी पासवान,डाक्टर कैलाश गुप्ता, फतह आलम,रियासत साह , अब्दुल वाहिद,नरेश ठाकुर निराला, सहित दर्जनों महामानव की बदौलत ही आज हम हिन्दू -मुस्लिम भाई-भाई की तरह रह रहे हैं। आज हम उन्हें शिद्दत से महसूस करते हैं।

फाइल फोटो

उनकी इस शानदार परंपरा को जिंदा रखने वाली आज की सक्रिय पीढी के सामाजिक रत्न प्रमुख शंभू प्रसाद यादव, हाजी मोहम्मद कमाल उद्दीन, डा अम्बिका गुप्ता, पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष मनोज प्रसाद, चमकलाल मेहता, सत्येन्द्र मेहता, चंदेश्वरी साह, सूर्य कुमार पटवे, सीमा गुप्ता, अनिल मुनका, मो. मनौवर आलम, पुरूषोत्तम राम, प्रो उत्तम कुमार, हरि अग्रवाल, कैलाश पासवान, यहिया सिद्दीकी, श्रवण कुमार पासवान, सचिन कुमार पटवे, आफताब आलम, अमित कुमार ठाकुर, अब्दुल रहमान, मोहम्मद मोईन, मशीर आलम सिद्दीकी, साईं इस्लाम, राज कुमार प्रिंस, राजेश कुमार राजन, किशोर पासवान, राजेश पासवान, विनोद सिंह, अभिनंदन मंडल, यदुनंदन यादव, मनोज शर्मा, प्रोफेसर दिवाकर पासवान, प्रोफेसर मनोज यादव, ध्रुव पासवान, तबशीर अहमद, अब्बास अली सिद्दीकी, भूपेंद्र पासवान, बिन्देश्वरी पासवान, गजेंद्र यादव, निरंजन यादव, राजकिशोर पासवान,साईं इस्लाम, अब्दुल रहमान, फूलशहीद,राजेश कुमार पासवान, गुड्डू नयन, मनोज राणा, संतोष पासवान, संजय कुमार यादव, किशुन साह,अनिल पोद्दार, मकसूद, मंसूर अंसारी, चक्रधर मेहता, अमोद मेहता, झावर मेहता, विनोद आजाद, मनीष अकेला, बिपिन बिहारी,मोहम्मद शाहिद, आरिफ आलम, अबुसालेह सिद्दीकी, संजय कुमार सुमन, मनोज पासवान, राहुल यादव, वीरेंद्र कुमार वीरू और कुंज बिहारी शास्त्री, जैसे अनगिनत सपूत कोटिशः धन्यवाद के पात्र हैं , जिनकी बदौलत चौसा में शांति और सद्भाव कायम है । हमें अखंड विश्वास है आज का मेला समवेत सद्प्रयास से पुनः “मानव मेला” में तब्दील होगा।

फ़ाइल फोटो : एक तरफ ताजिया तो दूसरी तरफ मंदिर

सनद रहे कि इसी मैदान पर वर्ष 2015 , 2016 और 2017 में दशहरा और मुहर्रम मेला एक साथ आयोजित किया गया था। इस दौरान हिन्दू और मुसलमानों ने मिलकर मुहर्रम मेला को ‘मानव मेला’ का रूप दिया था, जबकि देवी दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान ‘सामाजिक विदाई’ दी गई थी। चौसा की यह महान परंपरा देश के लिए नज़ीर है।


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