मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय क्षेत्र अंतर्गत सभी डिग्री कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय में धरना दिया। धरना में बिहार राज्य डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय स्तर के नेता भी शामिल हुए।
उमस भरी गर्मी और चिलचिलाती धूप में बड़ी संख्या में शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों ने धरना के माध्यम से विश्वविद्यालय और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को अविलंब पूरा नहीं किया गया तो सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। संघ के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरविंद कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित धरना में संघ के प्रदेश प्रधान संयोजक डा शंभू नाथ प्रसाद सिन्हा ने कहा की हमलोग 30 – 35 वर्षों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं। डिग्री कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतनमान देना होगा।
उन्होंने कहा कि कॉलेज के आंतरिक स्रोत की 70 प्रतिशत राशि कॉलेज कर्मियों के बीच बांटने का निर्देश मिलने के बावजूद कॉलेज प्रशासन इसका बंटवारा नहीं कर रहा है। इसके लिए उन्होंने कुलपति से कॉलेज प्रबंधन समिति को सख्त निर्देश देने का आग्रह किया। धरना में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो रामनरेश प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार बिहार में शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने पर लगी हुई है। उन्होंने कहा कि अनुदान के बकाए राशि का अविलंब भुगतान करे सरकार। प्रदेश मीडिया प्रभारी अरुण कुमार गौतम ने संबद्ध महाविद्यालय में शिक्षक के पद सृजन करने की मांग की। सदस्यों ने कहा कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 में संशोधन कर शासी निकाय के सभी सदस्यों का कार्यकाल एक समान तीन वर्ष किया जाए तथा वेतन भोगी सदस्य को ही अध्यक्ष व सचिव बनाया जाए। शिक्षाविद की न्यूनतम योग्यता स्नातकोत्तर निर्धारित की जाए. सदस्यों ने कॉलेज प्रबंधन की संवेदनहीनता पर नाराजगी भी व्यक्त की।
बाद में कुलपति के निर्देश पर प्रॉक्टर डा अशोक कुमार यादव ने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से वार्ता की, वार्ता के बाद उन्होंने कुलपति को वस्तुस्थिति की जानकारी दी। जिसके बाद कुलपति ने एक शिष्टमंडल को बुलाकर अपने कार्यालय में बात की। कुलपति ने कहा कि उनकी मांगों को गंभीरता पूर्वक आगे बढ़ाएंगे। विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाले कार्य को अविलंब पूरा कर दिया जाएगा। जबकि राज्य सरकार को भी पत्र लिखा जाएगा।
सदस्यों ने छह सूत्री मांग से संबंधित ज्ञापन कुलपति को भी सौंपा। ज्ञापन में संबद्ध महाविद्यालय के आंतरिक स्रोत से प्राप्त आय का 70 प्रतिशत राशि शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन पर और 30 प्रतिशत राशि महाविद्यालय के विकास में खर्च करने के लिए शासी निकाय को कुलपति से सख्त निर्देश का अनुपालन करवाने की मांग की गई। साथ ही संबद्ध महाविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मचारियों का सेवा सामंजन की प्रक्रिया पूरी कर नोटिफिकेशन करने, संबद्ध महाविद्यालयों में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को अनुदान के बदले वेतनमान देने के लिए सरकार को लिखने, संबद्ध महाविद्यालयों में अनुदान की राशि का भुगतान कॉलेज कर्मियों को आरटीजीएस एवं एनईएफटी के माध्यम से भुगतान करने, महाविद्यालय में शिक्षक के पद का सृजन करने और बिहार राज अधिनियम 1976 में संशोधन कर सासी निकाय के सभी सदस्यों का कार्यकाल एक समान तीन वर्ष करने की मांग शामिल है।
मौके पर मधेपुरा जिला अध्यक्ष डा देव प्रकाश, सुपौल जिला अध्यक्ष शंभू शरण सिंह, प्रो मो समी उल्लाह, प्रो मनोज कुमार, प्रो दीपक कुमार सिंह, विश्वविद्यालय महासचिव सदानंद यादव, मधेपुरा जिला उपाध्यक्ष शिव शंकर कुमार, कोषाध्यक्ष नीरज कुमार, बैजनाथ यादव, दिनेश लाल दास, राजू यादव, शंकर भगत, नागेश्वर झा, अरुण कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी मौजूद थे. धरना में कोशी प्रमंडल के कॉलेजों के अलावे पूर्णिया प्रमंडल के भी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी शामिल हुए. धरना का संचालन अभय कुमार यादव और दीपक कुमार सिंह ने किया।