मिलिए चिकित्सा और सामाजिक क्षेत्र के साथ मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में भी विशिष्ट पहचान बनाने वाली डा. तारा श्वेता आर्या से

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अनूप ना. सिंह
स्थानीय संपादक

डा. तारा श्वेता आर्या ने चिकित्सा और सामाजिक क्षेत्र के साथ ही अब मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में भी विशिष्ट पहचान बना ली है। उन्होंने हाल ही में दिल्ली में आयोजित रूबरू मिसेज इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और विजेता का ताज अपने नाम कर लिया।

  बिहार के रोहतास जिले के डेहरी ओन सोन में जन्मीं तारा श्वेता के पिता श्री तारक नाथ शर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएस) अधिकारी थे जबकि मां श्रीमती कमलेश शर्मा प्रोफेसर थी। उनके दो बड़े भाई हैं। माता-पिता घर की लाडली छोटी बेटी को डॉक्टर बनाने का ख्वाब देखा करते हालांकि श्वेता की रूचि बचपन के दिनों से मॉडलिंग और फैशन की ओर थी और वह इस क्षेत्र में अपना और देश का नाम रौशन करना चाहती थी।

तारा श्वेता आर्या ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डेहरी ओन सोन ,चाइबासा और जमशेदपुर से पूरी की।डेहरी ओन सोन से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अपने परिवार वालों के साथ राजधानी पटना आ गयी जहां उन्होंने जेडी वुमेन्स कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। माता-पिता की इच्छा के अनुरूप तारा श्वेता ने किशनगंज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान उनकी शादी किशनगंज के मशहूर चिकित्सक डा. वेद आर्या से हो गयी।शादी के बाद वह कुछ वर्षो तक पारिवारिक जिम्मेवारियों में बंध गयी। तारा श्वेता की ख्वाहिश थी कि वह बतौर चिकित्सक समाज की सेवा करे। इसी को देखते हुये उन्होने पहले पीजी और फिर बाद में एमएस का कोर्स किया और क्लिनिक खोल चिकित्सक का काम करने लगी।

        जानी मानी गायनेकोलिजिस्ट और आइवीएफ स्पेशलिस्ट डा. तारा श्वेता आर्या राजनीति के क्षेत्र में जुड़कर समाजेवा करना चाहती थी। इसी को देखते हुये वह पहले पूर्व सांसद पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी (जाप) और बाद में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलिमी (एआईएमआईएम) से जुड़ गयी और किशनगंज जिला महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष बनायी गयी। उनका कहना है कि समाज के प्रत्येक नागरिक को अपने सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ समाजसेवा के लिए भी समय अवश्य निकालना चाहिए। समाजसेवा पुनीत कार्य है, इसमें सभी वर्ग के लोगों को बढ़चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।आपकी छोटी सी मदद गरीबों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। यह सेवा भाव उन्होंने महान समाजसेविका और भारत रत्न मदर टेरेसा से सीखी है।

        डा.तारा श्वेता आर्या का मानना है कि महिलाओं में ऊर्जा का भंडारहोता है उनके अंदर इच्छाशक्ति होती है। महिलाओं को राजनीति में भी भाग्य आजमाना चाहिए। उनके अंदर उतनी क्षमता होती है कि वह दूषित राजनीति को शुद्ध कर सके। महिलाओं को मिलकर कार्य करना होगा। देश की तरक्की के लिए महिलाओं का सकारात्मक ढंग से कार्य करना जरूरी है।महिला चाहे तो देश की तकदीर बदल सकता है। महिलाओं को भ्रष्टाचार, नशाखोरी एवं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ऩी चाहिए। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। महिलाओं को भी आगे बढ़ कर राजनीति में आते हुए देश एवं समाज के विकास में कार्य करना चाहिए।वह समाजसेवा में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती है।उन्होने हाल ही में बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर राहत सामग्री बांटी थी।

   पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन को रोल मॉडल मानने वाली डा.तारा मश्वेता आर्या फैशन की दुनिया में भी पहचान बनाना चाहती थी। इसी दौरान सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिये उन्हें पता चला कि राजधानी पटना में रूबरू मिसेज इंडिया का आयोजन किया जा रहा है। रूबरू और आईग्लैम की ओर से आयोजित ऑडिशन में उन्होंने हिस्सा लिया और मिसेज बिहार के खिताब से नवाजी गयी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में हुये मिसेज रूबरू इंडिया के फिनाले में बिहार का प्रतिनिधित्व किया और विजेता का ताज अपने नाम कर लिया। वह अब फिलीपींस में होने वाले रूबरू मिसेज यूनिवर्स भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही है।

डा. तारा श्वेता आर्या ने बताया कि आज महिलाएं किसी भी पैमाने पर पुरुषों से कम नहीं हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली बेटियां आज अपने दम पर समाज में फैली कुरीतियों को मिटाकर और पुरुषों के साथ हर कदम पर साथ चलकर इतिहास रच रही हैं। यदि हमें सशक्त समाज का निर्माण करना हैं तो सबसे पहले बेटियों को सशक्त करना होगा। डा.तारा श्वेता आर्या को उनके करियर में अबतक के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये मान-सम्मान खूब मिला।समाज सेवा के प्रति जागरूकता और कर्मठता को देखते उन्हें केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के द्वारा वर्ष 2018 में आईकॉन ऑफ बिहार और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री मंगल पांडेय के द्वारा हेल्थ एक्सलेंसी अवार्ड से नवाजा गया है। वह आज कामयाबी  की बुलंदियों पर है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने शुभचितंकों और खासकर मां श्रीमती कमलेश शर्मा को देती हैं जिन्होने उन्हें हर कदम सपोर्ट किया है। उन्हें खाली समय में गाना गुनने और ट्रैवलिंग का बेहद शौक है। संगीत की देवी लता मंगेश्कर को अपना आदर्श मानने वाली डा. तारा श्वेता आर्या को गाने का भी शौक है।


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