मुजफ्फरपुर/बिहार : प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल एवं डीआईजी रविन्द्र कुमार ने सीतामढ़ी पहुँचकर समाहरणालय सभाकक्ष में डीएम-एसपी सहित सभी वरीय पदाधिकारियो के साथ बाढ़ राहत कार्यो का संमीक्षा किया।
प्रमंडलीय आयुक्त ने जिले में बाढ़ राहत कार्यो पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अभी इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे अधिक लोग सीतामढ़ी में ही प्रभावित हुए है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के उपरांत कई प्रकार की बीमारियां फैलने की संभावना होती है, इसलिये अभी से ही इसके रोक थाम का प्रयास शुरू कर दे। उन्होंने निर्देश दिया की पूरी पारदर्शिता के साथ राहत कार्य चलाये,साथ ही इसमें जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी आदि का भी सहयोग ले। उन्होंने कहा कि सरकार के संसाधनों पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है।
आयुक्त ने सामुदायिक किचेन, सूखा राशन वितरण, स्वास्थ्य सुविधाएं, पशुओं की शरणस्थली आदि से संबंधित कार्यो का भी जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ मृतकों के परिजनों को राहत राशि अविलम्ब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
इसके पूर्व डीएम ने बताया कि जिले के 16 प्रखण्ड के 179 पंचायत 17 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित है। अभी 44 मोटर बोट एवम 120 नाव जिले में उपलब्ध है, जिसे राहत कार्य मे लगाया गया है। 156 सामुदायिक किचेन में 55000 लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे है। प्रभावित गाँव की संख्या 561 है। प्रभावित लोगों के बीच सूखा राशन का भी वितरण हो रहा है। अभी तक 10400 प्लास्टिक शीट्स बाटे गए है। कल से ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा। प्रमंडलीय आयुक्त एवम डीआईजी ने डीएम-एसपी के साथ डूमरा पंचायत भवन में चल रहे राहत केंद्र एवम सामुदायिक रसोई का भी जायजा लिया। उन्होंने मेहसौल के पास लखनदेई नदी का अवलोकन किया। बाद में रामपदारथ नगर स्थित बाढ़ में ध्वस्त मकान का मोटर बोट से जायजा लिया।
उन्होंने लगभग दो घंटे मोटर बोट से भावदेपुर, राजोपट्टी, डूमरा पड़ोदी आदि बाढ़ प्रभावित स्थानो का जायजा लिया। उन्होंने डीएम को निर्देश दिया कि अविलम्ब शत प्रतिशत बाढ़ प्रभावित मकानों को खाली करवाये।
गौरतलब हो कि प्रशासन द्वारा कल से ही लोगो को मकान खाली करने का अनुरोध किया जा रहा है। अभी तक मात्र 10-12 परिवार ही मकान खाली किये है, जिसे गोयनका कॉलेज में ठहराया गया है।