कुमारखण्ड/मधेपुरा/बिहार : बिहार राज्य का एक ऐसा जिला जहाँ से दो ऐसे कोहिनूर हीरे ने जन्म लिया, जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पे नाम सिर्फ मधेपुरा बल्कि कोशी को देश स्तर पर गौरवान्वित करने का काम किया। जिसमें पहला नाम मधेपुरा जिला अंतर्गत कुमारखंड प्रखंड निवासी एन के सिंह का है, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जो लेडी आर्यन के नाम से जानी जाता थी। उससे गिरफ्तार करने का साहस किसी कमिश्नर या ऑफिसर को नहीं हुआ और जब कुमारखंड के लाल एनके सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई तो उन्होंने निर्भीक होकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर देश ही नहीं बल्कि आलमी सतह पर सुर्खियां बटोरी और इतिहास के सुनहरे पन्ने पर अपने नाम को दर्ज करवाया। आज किसी जनरल नॉलेज के सुनहरे अक्षरों में इसका नाम पढ़ने को मिलता है।
वही इसी प्रखंड के एक सुदूर इलाके के रहने वाले जहां उस जमाने में लालटेन के सहारे अपने शिक्षा को प्रदान करने वाले अरविंद कुमार जो 26 जून 1984 बैच के आईपीएस बने आज इसे भारतीय ख़ुफ़िया ऐजेन्सी एंटीलीजेंस बनाया गया। अरविंद कुमार ने पूरे देश में परचम लहराते हुए बिहार का नाम रोशन किया, इस खुशी के मौके पर प्रखंड वासी समेत जिले के लोगों में खुशी का माहौल है। और सभी खुद को गोरवान्वित महसूस कर रहे हैं ।
बात उस सुपूत की जिन्होंने कोशी से सर को ऊँचा किया:- मधेपुरा जिला अंतर्गत कुमारखंड प्रखंड के इसराइन कला पंचायत के वार्ड नंबर 13 में बुधवार की सुबह हर जगह खुशी का माहौल देखने को मिला। क्योंकि इस गांव के लाल, अरविंद कुमार 26 जून को भारत के सर्वोच्च प्रशासनिक पदों में से एक इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ के पद पर आसीन हुए है। भारत सरकार के द्वारा आईबी के चीफ बनाए गए । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा और विश्वस के साथ उन के ऊपर यह जिम्मेदारी सौपी है । आज पूरे देश मे आतंकवाद सबसे बड़ा मुद्दा है और कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होना है। सबसे बड़ी चुनौती जम्मू कश्मीर का चुनाव है। जिन्हें शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करना है।
बताते चले कि अरविंद कुमार इसराइन कला पंचायत के वार्ड 13 निवासी स्वर्गीय सच्चिदानंद सिंह के बड़े पुत्र हैं। श्री कुमार दो भाई और दो बहन में से सबसे बड़े हैं। उनके छोटे भाई अनुराग कुमार सिंह विद्या बिहार पूर्णिया में प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। श्री कुमार के आईबी चीफ बनने की खबर मिलते ही परिजन सहित पूरे गांव समेत प्रखंड, जिला और कोसी के इलाके में हर तरफ़ खुशी की लहर दौड़ गई।
गांंव में रह रहे श्री कुमार के चचेरे भाई अभिजीत कुमार सिंह, भवेश कुमार सिंह, अखिलेश कुमार सिंह, भतीजा केशव आशीष शांतनु, रामदेव सिंह इसराइन बेला के मुखिया रामावतार ठाकुर, सरपंच चितरंजन सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण और इलाके के लोगों के बीच श्री कुमार के आईबी चीफ बनने पर काफी खुशी देखी जा रही है। परिजन एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं ।
आईबी चीफ बने श्री कुमार का प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा पूर्णिया में ही हुआ जहां पर उनके पिताजी ब्लॉक में बड़ा बाबू के रूप में कार्यरत थे । बाद में उनका चयन नेतरहाट स्कूल में हो गया, जहां पढ़ाई लिखाई पूरी कर ग्रेजुएशन करने के बाद 1984 बैच में आईपीएस के रूप में उनका चयन हुआ। असम, मेघालय, कैडर के आईपीएस श्री कुमार जम्मू कश्मीर मामले के विशेषज्ञ के रूप में और नक्सलवाद प्रभावित इलाकेे में बेहतर पुलिसिंग के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भी हो चुकेे हैं।
आईबी चीफ बनने पर प्रखंड के समाजसेवी श्यामानंद सिंह, भागवत प्रसाद यादव, प्रमुख चंद्रकला देवी, उप प्रमुख उमा देवी सेवानिवृत्त एचएम गिरिजानंद ठाकुर, अशोक झा, नरेश कुमार, जीवन कुमार सिंह, नवीन कुमार, मास्टर सिराजुद्दीन, प्रिंसिपल मोहम्मद सलीम, सीएचसी संचालन राकेश रंजन, राजेश कुमार संजय ग़ांधी, भरत साह, अशोक मेहता, ललन यादव, मुकेश यादव सहित अन्य लोगों ने खुशी का इजहार करते हुए बधाई दी है।