दरभंगा/बिहार : मोदी सरकार की पुनर्वापसी विगत 5 सालों की बर्बादी-तबाही और जनता के असली मुद्दे को ढक नहीं सकती। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि मोदी शासन का पिछला 5 साल देश के लिए एक आपदा के समान थी और उसने व्यवस्थित तरीके से देश व लोकतंत्र को बर्बाद करने और देश में फासीवादी हिंसा थोपने का काम किया।
उक्त बातें भाकपा(माले) राज्य कमिटी की बैठक के दौरान भाकपा(माले) जिला कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कही। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी-1 में सरकार की विभाजन-घृणा और घोर जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता के भिविन्न हिस्सों के जबरदस्त आंदोलनों के बाबजूद मोदी सरकार दुबारा जीत कर सत्ता में आ गई है। यह बिल्कुल ही अनपेक्षित व असामान्य है। हम उसको रोक नहीं पाए। आगे उन्होंने कहा कि सत्ता में दुबारा आते ही भाजपा-संघ ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोल दिया है। इसका सबसे घृणित उदाहरन भाजपा शासित त्रिपुरा में दिखा।
बिहार में आरा-बेगूसराय में भाजपा गुंडों ने आतंक का माहौल बना दिया है। एक तरफ मोदी सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास की बात करते हैं तो दूसरी ओर दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं पर रोज हमले हो रहे है। पूरे देश में घृणा व अपराध की बाढ़ सी आ गई है। बेगूसराय में एक युवक मोहम्मद कासिम से उसका नाम पूछा गया और फिर उसे गोली मार दी गई। आरा में आये दिन हमले हो रहे हैं। पायल तड़वी परिघटना से लेकर अनेक जगह पुरानी बातें दुहराई जा रही है। ऐसे हमले बताते हैं कि सत्ता के मद में चूर भाजपा लोकतंत्र और अपने विरोधियों का सफाया करना चाहती है। भाजपा-संघ के इस अभियान के खिलाफ भाकपा- माले लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी लोकतांत्रिक शक्तियों को एकजुट करने के प्रति प्रतिबद्ध है।
माले महासचिव ने कहा कि पिछला 5 साल देश मे जनांदोलनों के हिसाब से भी काफी महत्वपूर्ण था। कर्ज माफी और अपने दूसरे सवालों पर किसानों, शिक्षा-रोजगार, स्किम वर्कर, दलितों-आदिवासियों, मजदूरों आदि तबकों ने अपने सवालों पर लगातार आंदोलन चलाया और उसका देशव्यापी ताप पैदा किया। अब जब मोदी की पुनर्वापसी हुई है तो इस सरकार का दायित्व बनता है कि जनता के इन सवालों पर उचित पहलकदमी ले। यदि ऐसा नहीं होता है तो मोदी-2 की सरकार जनता के और भी बड़े व व्यापक आंदोलन का आवेग झेलने के लिए तैयार रहे।
आगे उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश जी की सरकार हर घर नल जल योजना की शेखी बघारते थकते नही लेकिन हकीकत यह है कि आज पूरे बिहार में घोर जल संकट है। लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। यह बहुत ही चिंताजनक है। एक ओर पेयजल संकट है, भयानक गर्मी से लोग मर रहे हैं, मुज़फ़्फ़रपुर के इलाके में बच्चे इंसेफ्लाइटिस से मर रहे हैं, इसके प्रति भाजपा-जदयू की सरकार पूरी तरह उदासीन है। हमारी मांग है कि चमकी बुखार को सरकार आपदा घोषित करे और युध्द स्तर पर राहत अभियान चलाए। गांव गांव में सक्षम डॉक्टरों की टीम भेजे और इलाज में गम्भीरता लाये। पेयजल संकट का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों के साथ क्रूर मजाक किया है। समान काम के लिए समान वेतन के सवाल पर सरकार ने शिक्षकों से धोखा किया है। हमारी पार्टी समान काम के लिए समान वेतन और सभी स्कीम वर्करों के स्थायीकरण की मांग को पुनः दुहराती है। बिहार में शिक्षा और रोजगार की हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। शिक्षा की गुणवत्ता में भारी गिरावट आम चर्चा का विषय बन गई है। सरकारी विद्यालयों को सरकार लगातार बन्द किये जा रही है। जहां तक रोजगार सृजन का सवाल है, तो वह पूरी तरह से ठप ही है। आजादी के पहले और उसके बाद जो भी औद्योगिक निर्माण हुए, आज वे पूरी तरह से चौपट हो गए हैं। कोई नया कल-कारखाना नहीं खुल रहा है। सरकार के दावे के विपरीत पलायन बदस्तूर जारी है और लोग हर जगह धक्के खा रहे हैं। आगामी 30 जुलाई से 1 अगस्त को कोलकाता में राष्ट्रीय कन्वेंशन का आयोजन किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, पूर्व विधायक और अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, विधायक सत्यदेव राम, दरभंगा के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव आदि मौजूद थे।