मधेपुरा/बिहार : नैक मूल्यांकन के बिना कोई भी विश्वविद्यालय राष्ट्रीय पहचान नहीं बना सकता है, इसलिए बीएनएमयू का नैक मूल्यांकन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, यह बात कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कही।
वे शनिवार को केन्द्रीय पुस्तकालय में पैक मूल्यांकन से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। कुलपति ने उपस्थित पदाधिकारियों एवं प्रधानाचार्यों के साथ नैक मूल्यांकन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का नैक मूल्यांकन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। नैक मूल्यांकन हेतु सभी महाविद्यालय का आईआईक्यूए में निबंधन हो चुका है, जल्द से जल्द एसएसआर अपलोड कराया जाएगा। नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया अविलंब पूरी करें:- कुलपति ने सभी प्रधानाचार्यों को सख्त निर्देश दिये कि वे नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया अविलंब पूरी करें। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी काॅलेज का समय पर एसएसआर अपलोड नहीं होगा, उनके प्रधानाचार्यों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कुलपति ने कहा कि नैक मूल्यांकन में संसाधनों की कमी का रोना और कोई भी अन्य बहाना मान्य नहीं होगा। जिन कालेजों ने नैक मूल्यांकन हेतु आवश्यक राशि हेतु विधिवत फाइल बढ़ाई है, उसका शनिवार तक निष्पादन कर दिया जाएगा। इसके लिए विकास पदाधिकारी को निदेशित किया गया है। सभी महाविद्यालयों को पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला के लिए राज्य सरकार से तीन लाख की राशि प्राप्त हुई है। इस राशि का विधिवत उपयोग किया जाए. जहांं भी आवश्यक कर्मचारियों की आवश्यकता हो, संविदा पर ग्यारह माह के लिए बहाली करें। शिक्षकों का प्रोफाइल विवि के वेबसाइट पर अपलोड:- कुलपति ने बताया कि नैक मूल्यांकन में रिसर्च एवं इनोवेशन पर ज्यादा प्वाइंट है। आगामी सत्र में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शीघ्र ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। जिस-जिस महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी है, वहांं प्राथमिकता के आधार पर अतिथि शिक्षक नियुक्त किए जाएंंगे। कुलपति ने बताया कि नैक मूल्यांकन की तैयारी हेतु सभी विभागों में एक समन्वयक बनाया जाएगा। वे विभाग के एक वर्ष की गतिविधियों की रिपोर्ट नैक के डायरेक्टर को समर्पित करेंगे। सभी शिक्षकों का प्रोफाइल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। कार्यालय का चक्कर नहीं लगाएंं:- बैठक में कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने सभी प्रधानाचार्यों को यह विशेष रूप से निदेश दिया कि वे अपने महाविद्यालय में अधिकाधिक समय दें। छात्र-छात्राएं बिना कार्य के विश्वविद्यालय नहीं आएंं और वेवजह किसी भी कार्यालय का चक्कर नहीं लगाएंं। नैक मूल्यांकन से जुड़े किसी कार्य में किसी भी स्तर पर कोई दिक्कत हो, तो सीधे कुलपति या प्रति कुलपति से संपर्क करें।
इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली, नैक कमिटी के डायरेक्टर डा मोहित कुमार घोष, नोडल पदाधिकारी डा अशोक कुमार सिंह, विकास पदाधिकारी डा ललन प्रसाद अद्री, परिसंपदा पदाधिकारी डा बद्री प्रसाद यादव पीआरओ डा सुधांशु शेखर, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के प्रधानाचार्य डा केपी यादव, भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय मधेपुरा के प्रधानाचार्य डा केएस ओझा, बीएसएस काॅलेज सुपौल के प्रधानाचार्य डा संजीव कुमार, एचएस काॅलेज उदाकिसुनगंज के प्रधानाचार्य डा बीएन विवेका आदि उपस्थित थे।