मोहम्मद साहब के बताये हुए तरीके पर अमल करे तो मरने से पहले और मरने के बाद का जीवन सफल होगा : महबूब

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कौनैन बशीर
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड स्थित सिंगारपुर गांव में साम्प्रदायिक सौहार्द इस्लाह-ए-माआशराह कान्फ्रेंस (जलसा) का आयोजन किया गया। कान्फ्रेंस में जिले से हज़ारों हजरात का जनसैलाब उमड़ पड़ा, जो अपने आप में एक अदभुत दृश्य था। प्रदेश के कोने कोने से आये इस्लामिक विद्ववानों ने अपने तकरीर से पूरी रात रोशन फरमाते रहे।

मुखिया अब्दुल अहद व फैयाज आलम के सदारत मे आयोजित जलसे मे हजरत मौलाना महबूब मुजाहरी अपने तकरीर में मुस्लमानों के आखरी नबी हज़रत मोहम्मद साहब की आइडियल जीवन का व्यख्या करते हुए कहा कि आज के मुसलमान अपने नबी के फरमान को भूल बैठा है । शादी विवाह में दहेज़ जैसे घिनौने चलन की आलोचना की, आये हुए हाजरिनों से दहेज़ जैसे रोग को अपने नज़दीक नहीं आने देने की भी हिदायत दी । उन्होंने शिक्षा पे जोर देते हुए कहा कि शिक्षा मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है शिक्षा एक ऐसी चीज़ है जो इंसान को इंसान बना देती है। वहीँ हजरत मौलाना व कारी नसीम सिद्दीकी ने कहा कि मुसलमान अपना जीवन नबी मोहम्मद साहब के बताये हुए तरीके पे बिताये तो मरने से पहले और मरने के बाद का जीवन सफल होगा। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से पहुँचे आरिफ विल्लाह अलहोज सैयद शरीफ साहब ने अपने तकरीर में कहा कि हमारा मुल्क इस वक़्त नफरतों की आग में तप रहा है। खतरनाक हिंसक भीड़,खूबसूरत हिन्दुस्तान को तबाह करने पर तुली है। उन्होंने कहा की यह कोई मज़हब नहीं सिखाता कि किसी का क़त्ल कर दिया जाये। लगातार जिस तरह एक मज़हब के लोगों को बीफ के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है। उससे कानून का राज ख़त्म होता दिख रहा है और हम अपने इस मोहब्बत वाले मुल्क को नफरत की आग में जाता हुआ देख रहे हैं। भीड़ लोकतंत्र की हत्या कर रही है अदालत के बजाये कुछ सरफिरे फैसले कर रहे हैं और बेगुनाहों को क़त्ल कर रहे हैं।
हज़रत ने कहा क हम हुकूमते हिन्द से मांग करते हैं की इसे हर हाल में रोका जाये क्योंकि हिन्दुस्तान से हम हैं अगर मुल्क जला तो कोई महफूज़ नहीं रहेगा उन्होंने अमन पसंद लोगों से अपील करते हुए कहा की सभी अमन पसंद लोग अब इन नफरत के सौदागरों के खिलाफ एकजुट होकर नफरतो को रोकने के लिए मोहब्बतों की बहुत ज़रूरत है। अमन के कयाम के लिए सभी को एक आवाज़ में कहना होगा कि सभ्य समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है मौलाना ने लोगों से सब्र से काम लेने की बात कही और कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें अमन कायम करने की हर मुमकिन कोशिश की जाये वहीँ उन्होंने हुकूमत से मांग की कि “सबका साथ सबका विकास,सबका विश्वास” का जो नारा दिया गया है इस पर अमल होना चाहिए और अल्पसंख्यको के मन से डर को निकलने की कोशिश की जानी चाहिए। हज़रत ने मुल्क में मोहब्बत की हवा चलने और अमन कायम रहने की दुआ की।

वही मौलाना नुरुल्लाह नदवी ने जलसे में मौजूद लोगों से कहा अल्लाह के नबी ने फरमाया है कि अल्लाह को याद रखना और इंसानियत के रास्ते पर चलाना हर मुसलमान का फर्ज है। उन्होंने जुबान को काबू रखने, दूसरों की खिदमत करने की सलाह दी। हाफिज मोहम्मद मासूम ने जलसे में मौजूद लोगों के साथ देश की तरक्की और अमन के लिए दुआ कराई। उलमा ने नबी की सुन्नतों पर अमल करने, अल्लाह को याद रखने और इंसानियत के रास्ते पर चलने की सलाह दी। 

जलसे की शुरूआत तिलावते कलाम पाक और नाते पाक से हुआ। । इस जलसे की अध्यक्षता जनाब अब्दुल अहद ने किया। वही कान्फ्रेंस में देश प्रदेश से आये हुए हजरत मौलाना जावेद साहब मदनी, नाते शरीफ हाफिज व करी फैयाज अनवर फैजी साहब, हाफिज मोहम्मद मनाक़िब साहब, हजरत हाफिज मासूम साहब, हाफिज व कारी मोहम्मद इजराइल साहब,खतीब ए मिल्लत जनाब मौलाना इस्माइल साहब, खिताबत ए इमाम हाफिज उमर फारुख साहब सहित अन्य सहित अन्य ओलमाऐ कराम अपनी-अपनी रूहानी तकरीर से लोगों को मोअज्जल फरमाया।

इस्लाह-ए-मुआसराह कान्फ्रेंस में सिंगारपुर नौजवाने कमिटी के मोहम्मद फैयाज आलम,मोहम्मद यासीन, कौनैन बशीर, सैफुल्लाह खालिद, साकिब उर्फ़ मोहम्मद चाँद,मोहम्मद औरंगजेब आलम,जहूर आलम,महबूब आलम,मोहम्मद समसुल,मोहम्मद इसराफिल, मोहम्मद साजिद उर्फ गुड्डू , मोहम्मद अनवारुल,मोहम्मद मतीन,अब्दुल कय्यूम, मास्टर मोहम्मद अब्दुल कुद्दुश साहब,मोहम्मद ओरंजेब, मौलवी मोहम्मद इस्लाम साह, हाफिज अब्दुल वाहिद,मोहम्मद मंजूर आलम, मोहम्मद अबू तालिब, मोहम्मद अजमल, मोहम्मद इरशाद आदि सुरक्षा के दृष्टिकोण से  सक्रिय थे।


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