पटना/बिहार : इस साल भी राज्य में मई व जून के पहले सप्ताह में औसत से कम बारिश हुई है। 33 जिले ऐसे हैं जहां 50 से 100 फीसदी तक कम बारिश हुई है। इसका सीधा असर धान का बिचड़ा डालने के लिए बीज तैयार करने पर पड़ा है। बमुश्किल राज्य में 10 फीसदी रकबे में बिचड़ा के लिए बीज डाला जा सका है। जाहिर है देर से बिचड़ा तैयार होने पर पैदावार पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि अभी जो हालात हैं, आने वाले समय में स्थिति नहीं सुधरी तो पैदावार में 10 फीसदी से अधिक का नुकसान हो सकता है। राज्य में सिर्फ पांच जिले ऐसे हैं जहां औसत से ज्यादा बारिश हुई है। इन जिलों में खेती ने रफ्तार पकड़ी है। सूखे के मंडरा रहे खतरे को राज्य सरकार ने भी गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभागीय अधिकारियों के साथ सोमवार को बैठक की थी और उन्होंने अफसरों को एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
उधर आसन्न हालात को लेकर कृषि वैज्ञानिक (धान) नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य में बिचड़ा लगाने का काम आद्रा नक्षत्र में ज्यादा होता है। रोहिणी नक्षत्र में भी किसान बिचड़ा डालते हैं। लेकिन लंबी अवधि के बिचड़ा डालने का सही समय अभी है। अब अगर वर्षा नहीं हुई तो नुकसान होगा।