बिहार में राजनीतिक भूकंप, अब जलजला का कीजिए इंतजार

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अनूप ना. सिंह
स्थानीय संपादक

पटना/बिहार : केंद्रीय कैबिनेट में जदयू को हिस्सेदारी नहीं मिलने के बाद जिस राजनीतिक भूकंप का कयास लगाया जाता रहा, वो झटका आखिरकार लग ही गया।

केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने आखिर एक बार फिर अपने बयान से बिहार में बदलने वाले राजनीतिक करवट का संकेत दे दिया। गिरिराज ने फेसबुक और ट्विटर हैंडल से इफ्तार पार्टी के बहाने सर पर टोपी पहनने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा चोट किया है। गिरिराज ने नीतीश के साथ ही अपने बयान का पहाड़ एनडीए के नेता रामविलास पासवान और खुद अपनी ही पार्टी के सुशील कुमार मोदी पर भी गिराया है।

यों तो अक्सर गिरिराज के बयान विवादों में आ जाते हैं। पर राजनीति के पंडितों की मानें तो गिरिराज के बयान विवादों में फंसते नहीं, बल्कि ऐसे बयान जानबूझकर विवाद पैदा करने के लिए ही देते हैं। कहा तो यह भी जाता है कि गिरिराज पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर ही बयानबाजी करते हैं।
बिहार के वर्तमान राजनीतिक हालात के बीच गिरिराज का यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण हो जाता है। खासकर तब और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयानबाज नेताओं को हद में रहने की नसीहत दे रखी है। ऐसे में गिरिराज का पोस्ट हलके में नहीं लिया जा सकता।

 गिरिराज ने फेसबुक पर चार तस्वीरें एक साथ पोस्ट करते हुए लिखा है – ‘ कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पे फलाहार का आयोजन करते और सुंदर सुंदर फ़ोटो आते?? … अपने कर्म धर्म से हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावा में आगे रहते हैं??? ‘

इस पोस्ट के साथ गिरिराज ने जो चार तस्वीरें डाली हैं वो इफ्तार के हैं। इनमें दो में नीतीश कुमार जीतन राम मांझी के साथ हैं, तो एक तस्वीर हज भवन में जदयू की इफ्तार पार्टी की। एक तस्वीर में नीतीश के साथ रामविलास पासवान और सुशील मोदी भी टोपी लगाए हैं। गिरिराज के इस पोस्ट के महज घंटे भर में दस हजार लाइक, ढाई हजार कामेंट और डेढ़ हजार शेयर हो चुके हैं। ट्वीटर पर भी पलक झपकते ही 1150 रि-ट्वीट और चार हजार लाइक हो गए। राजनीतिक प्रेक्षक इस पोस्ट को 2020 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं, कई मायने निकाले जा रहे हैं।


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