मधेपुरा : ऑटो चालक की गोली मारकर हत्या, विरोध में सड़क जाम, सहरसा, पतरघट थानाध्यक्ष के खिलाफ कारवाई की मांग

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 26 गरीब टोल निवासी 50 वर्षीय गजेंद्र यादव को सहरसा जिले के पतरघट थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर मुसहरी के समीप गोली मार कर हत्या कर देने को लेकर गुरूवार को आक्रोशित लोगों ने जिला मुख्यालय स्थित कर्पूरी चौक को घंटों जाम कर आवागमन अवरूद्ध कर दिया।

 जानकारी के अनुसार सहरसा जिले के पतरघट थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर मुसहरी के समीप मधेपुरा वार्ड नंबर 26 गरीब टोल निवासी 50 वर्षीय गजेंद्र यादव की बुधवार की देर गोलीमार कर हत्या कर दी गयी। घटना के उपरांत स्थानीय लोगों ने पतरघट पुलिस को दिया। घटना स्थल पर पतरघट पुलिस पहुंच कर गजेंद्र यादव के शव सदर अस्पताल सहरसा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, पुन: पोस्टमार्टम के उपरांत शव को परिजनों को सौंप दिया गया। गुरूवार की दोपहर चालक का शव गरीब टोल पहुंचते ही लोग आक्रोशित हो उठे। मुहल्ले के लोगों ने जिला मुख्यालय के कर्पूरी चौक पर ट्रेक्टर पर शव रख कर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया एवं पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाये। सड़क जाम एवं उमश भरी गर्मी रहने के कारण यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों के दौड़ से गुजरना पड़ा।

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लक्ष्मीपुर पहुंचते ही ऑटो चालक को मारी गोली

शव के पास विलाप करते हुये मृतक के पुत्र ब्रजेश कुमार एवं अंकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता ऑटो चलाने का काम करते थे। बुधवार की देर रात लगभग आठ बजे स्टेशन पर दो लोगों द्वारा पतरघट तक के लिए ऑटो रिजिर्व किया। लगभग दो घंटे के बाद लक्ष्मीपुर उनके पिता के मौत की खबर आयी। घटना स्थल पर जाने के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि ऑटो पर सवार दोनों व्यक्ति एवं उनके पिता में पतरघट से लक्ष्मीपुर छोड़ने को लेकर बहश हुई। इसके बाद आपस में दोनों ने बात को सुलह कर लिया और लक्ष्मीपुर जाने को तैयार हो गये। लक्ष्मीपुर पहुंचते ही ऑटो पर सवार दोनों व्यक्तियों ने उनके पिता को गोली मार दिया। आक्रोशित लोगों का कहना है कि अगर स्टेशन पर दोनों यात्री बैठे थे तो स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरा से दोनों की पहचान की जा सकती है। अगर जल्द प्रशासन इस दिशा में कोई पहल नहीं करता है तो हमलोग फिर सड़क जाम कर प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

पतरघट थानाध्यक्ष पर कार्रवाई करने की मांग

आक्रोशित लोगों ने कहा पतरघट पुलिस बेकार और निक्कमी है। रात्रि में फोन पर सूचना देने पर कहते है अभी उधर से ही आये थे लेकिन कुछ नहीं हुआ है। जब वरीय अधिकारी को सूचना दी गई इसके बाद घटना स्थल पर पुलिस पहुंची। अगर थानाध्यक्ष तत्परता से कार्रवाई की होती तो आज शायद गजेंद्र यादव को बचाया जा सकता था और आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता था। ऐसे थानाध्यक्ष पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाय।

कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई : डीआइजी

जाम की सूचना मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी आर्य गौतम एवं सदर थानाध्यक्ष सुरेश राम दल बल के साथ जाम स्थल पर पहुंच कर आक्रोशित लोगों से वार्ता कर जाम तोड़ने की कोशिश की। लेकिन लोगों का कहना था कि इस हत्या की जांच डीआइजी स्तर से अलग टीम बनाकर की जाय। इसके बाद बीडीओ ने लोगों के समक्ष मोबाइल से डीआइजी से वार्ता कर घटना से अवगत कराया। मामले को सुन डीआइजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने बताया कि मामले की निस्पक्ष जांच की जायेगी एवं जांच में जरा सा भी कोताही बरती जायेगी तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी। थानाध्यक्ष के कोताही मामले में भी जांच की जा रही है। कार्रवाई के आश्वासन मिलने के बाद इसके बाद लोग शांत हुये और जाम समाप्त किया।


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