मधेपुरा/बिहार : बिहार का आलमनगर विधान सभा क्षेत्र अनाथ हो गया है । सर्वत्र भ्रष्टाचार व्याप्त है । सरकारी दफ्तर बिचौलियों के हवाले है। स्थानीय जदयू विधायक नरेन्द्र नारायण यादव की उदासीनता के कारण सड़कें गड्ढे में तब्दील हो चुकी है । आमलोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। लिहाजा कांग्रेस पार्टी शीघ्र ही बड़ा जनांदोलन करेगी।
उक्त बातें बिहार कांग्रेस कमिटी के स्टेट डेलीगेट सह आलमनगर स्टेट के वारिस सर्वेश्वर प्रसाद सिंह ने कही । वे बुधवार को आलमनगर ड्योढ़ी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि आलमनगर विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व लंबे वक्त से एक ही व्यक्ति के हाथ में है, लेकिन आम जनता अनाथ महसूस कर रही है । स्थानीय जदयू विधायक संवेदनहीन और प्रभावहीन हो गए हैं।
श्री सिंह ने कहा कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में थाना, प्रखंड, अंचल, बैंक तथा अन्य सरकारी कार्यालयों में अफसरशाही और बिचौलिया राज हावी है । आम जनता का वाजिब काम भी बगैर रिश्वत दिए नहीं हो रहा है । उन्होंने सड़कों की स्थिति को भयावह बताते हुए कहा कि आलमनगर, चौसा और पुरैनी प्रखंड की अधिकतर सड़कें गड्ढे में तब्दील हो चुकी है । कहीं नई सड़क बनती भी है तो गुणवत्ता में कमी के कारण एक आध साल में ही अस्तित्वहीन हो जाती है । उन्होंने तंज करते हुए कहा कि स्थानीय विधायक विकास करने के बजाय भोज खाने को प्राथमिकता देते हैं।
कांग्रेस नेता सर्वेश्वर प्रसाद सिंह ने केंद्र और राज्य सरकारों को आपदा का सौदागर बताते हुए कहा कि आलमनगर विधान सभा क्षेत्र का अधिकांश भाग प्रतिवर्ष बाढ़ की चपेट में आता है । सरकार ने जगह-जगह जो स्थाई बाढ आश्रय स्थल का निर्माण करवाया है उसमें जमकर बंदरबांट हुआ है । ऐसे सभी स्थल जलजमाव क्षेत्र में ही बना दिए गए हैं। कहीं पहुंच पथ का निर्माण नहीं कराया गया है । लिहाजा सभी आश्रय स्थल खुद बाढ की चपेट में रहते हैं और यह बाढ पीड़ितों के लिए अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आलमनगर विधान सभा क्षेत्र के मुरौत , कपसिया , रतवारा , सुखाड , बड़ीखल आदि दर्जनों गांव नदी में विलीन हो चुके हैं। हजारों परिवार दशकों से खानाबदोश जिन्दगी जी रहे हैं । बावजूद इसके स्थानीय विधायक उनके पुनर्वास के लिए कोई पहल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से विस्थापित परिवारों के शीघ्र पुनर्वास सुनिश्चित करने की मांग किया है ।
उन्होंने स्थानीय विधायक पर शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था न्यूनतम स्तर तक पहुंच चुकी है। स्थानीय जदयू विधायक की प्राथमिकता में शिक्षा शामिल है ही नहीं। उन्होंने सवाल किया कि यदि विधायक की प्राथमिकता में शिक्षा होता तो वे अपने दो दशक के कार्यकाल में एक भी स्कूल का औचक निरीक्षण जरूर करते । उन्होंने आरोप लगाया कि विगत चार वर्षों विधायक ने विभिन्न उच्च विद्यालयों में प्रबंधन समिति का गठन नहीं कराया है , जिससे विद्यालयों का विकास बाधित है। विधायक गरीब बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से वंचित रख रहे हैं । श्री सिंह ने कहा कि अब पानी नाक से ऊपर जा चुका है । उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि शीघ्र ही क्षेत्र की तस्वीर नहीं बदली तो कांग्रेस पार्टी के द्वारा बड़ा जनांदोलन चलाया जाएगा ।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने आलमनगर विधान सभा सीट पर कांग्रेस का दावा टोकते हुए कहा कि 2020 में होने वाले विधान सभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से यह सीट हर हाल में कांग्रेस को मिलनी चाहिए, क्योंकि इस सीट पर लंबे समय तक स्व.यदुनंदन झा और स्व.विद्याकर कवि कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा 2010 के चुनाव में भी यहां कांग्रेस अकेले चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रह चुकी है । लिहाजा इस सीट पर कांग्रेस का दावा पुख्ता है। पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में श्री सिंह ने कहा कि जनता का हर वर्ग उनके साथ है । कांग्रेस पार्टी यदि टिकट देगी तो चुनाव जीतना आसान हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जनता उन्हें प्रतिनिधित्व का मौका देगी तो वे वेतन लिए बिना संपूर्ण क्षेत्र को अपना परिवार समझकर काम करेंगे।