शराफत खान की रिपोर्ट
वैशाली/बिहार : जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को महुआ प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय उर्दू चकमोजाहीद में विद्यालय के शिक्षकों ने विद्यालय के सैकड़ों छात्र छात्राओं के साथ कैंडिल जला कर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कैंडील मार्च विद्यालय परिसर में सैकड़ों छात्र-छात्रा शामिल थे। इस दौरान शिक्षकों के साथ छात्र छात्राओं ने इस आतंकी हमले की कठोर शब्दों में निंदा की और इस मामले को कायराना हरकत करार दिया। वहीं घायल जवानों के स्वास्थ्य लाभ के लिए मंगलकामनाएं की। साथ ही सभी लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस हमले से भारत के वीर जवानों के परिजनों के साथ ही देश विदेश में समस्त भारतीयों में शोक और प्रतिरोध की लहर व्याप्त है। साथ ही शिक्षक एवं छात्र छात्राओं ने पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विरुद्ध नारेबाज़ी की।
मुख्य रूप से प्रधानाध्यापक मोहम्मद एहसासनुल हक़ मास्टर परवेज़। मास्टर दिलशेर, मास्टर अनवारूलहक, शिक्षिका तबस्सुम खातुन, शमीमा खातून, अफसाना खातुन, ब्रज किशोर कुमार,कारी जावेद अख्तर फैजी, मुख्य रूप से उपस्थित थे।
वहीँ दूसरी तरफ कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए जवानों के सम्मान में भारत बंद को लेकर दूसरे दिन रविवार को भी महुआ- मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग को जाम किया गया। युवायों ने मुख्य मार्ग जाम कर चालिस जवान के बदले पाकिस्तान को दुनिया से नामोनिशान मिटा देने की मांग करते रहे हैं।
अलहे सुबह से ही मो0 अशरफ, राजू महतो, मो0 दुलारे, संजय भंडारी के नेतृत्व में युवाओं बन्द समर्थक महुआ- मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग के करौना चौक पर एकत्रित होने लगे और मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर टायर जलाकर भारत माता की जय, वन्दे मातरम, वीर जवान अमर रहे के नारे के साथ पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे।
मुख्य मार्ग अवरुद्ध होने से दोनों तरफ गाड़ी की लाईनों लग गयी। हालांकि सूचना मिलते ही गोरौल व कटहरा ओपी पुलिस ने पहल करते हुए सड़क जाम छुड़वाने के लिए घंटों संधर्ष करने के बाद सरपंच लालदेव भगत के सहयोग से पाँच घंटों बाद सड़क जाम टुटी।
भारत बन्द के समर्थक में शामिल मो0 अफरोज खान ,विपिन कुमार, पवन चौरसिया,मो0 आजाद, मो0 शाविर, अशोक चौरासिया, नगीना राय समेत अन्य युवा ग्रामीण के साथ विधार्थीयों लड़कों भी मौजूद थे।